नई दिल्ली। पीएम मोदी गुरुवार यानी आज डिजिटल माध्यम से ब्रिक्स के सालाना शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे। पीएमओ ने इस संबंध ने एक बयान जारी किया है। बता दें कि ब्रिक्स पांच देशों ( ब्राजील ,रूस चीन भारत और दक्षिण अफ्रीका ) का समूह है। इस बैठक में ब्राजील के राष्ट्रपति जाइर बोलसोनारो , रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति सही चिनपिंग आदि शामिल होंगे। अफगान में सत्ता परिवर्तन के बाद होने वाली यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में अफगानिस्तान का मसाला उठेगा।
पीएमओ के मुताबिक, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, न्यू डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष मार्कोस ट्रॉयजो, ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल के अस्थायी अध्यक्ष ओंकार कंवर और ब्रिक्स विमेन्स बिजनेस एलायंस की अस्थायी अध्यक्ष डॉ. संगीता रेड्डी इस मौके पर शिखर सम्मेलन में उपस्थित राजाध्यक्षों के सामने अपने-अपने दायित्वों के तहत साल भर में किये काम काम का ब्योरा प्रस्तुत करेंगे।
पीएमओ ने बताया कि अपनी अध्यक्षता में भारत ने चार प्राथमिक क्षेत्रों का खाका तैयार किया है। इन चार क्षेत्रों में बहुस्तरीय प्रणाली, आंतक विरोध, सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये डिजिटल और प्रौद्योगिकीय उपायों को अपनाना तथा लोगों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाना शामिल है। इन क्षेत्रों के अलावा, उपस्थित राजाध्यक्ष कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव तथा मौजूदा वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे।
इसके पहले वर्ष 2016 में उन्होंने गोवा शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता की थी। इस बार शिखर सम्मेलन की विषयवस्तु ‘ब्रिक्स@15: अंतर-ब्रिक्स निरंतरता, एकजुटता और सहमति के लिये सहयोग’ है। माना जा रहा है कि ब्रिक्स की इस बैठक में अफगानिस्तान की ताजा स्थिति से लेकर ग्लोबल और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद क्षेत्र में हालात पूरी तरह से बदले हैं, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि बैठक के एजेंडे में अफगान मसला प्रमुखता से शामिल होगा।