चेन्नई। भाजपा की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष एल मुरुगन को भी राज्यमंत्री बनाया गया, 44 साल के मुरुगन ने लंबे संघर्ष के बाद दिल्ली तक का सफर तय किया है, हर तरफ इन दिनों उनके माता पिता की चर्चा है, ये दोनों राजनीति की चकाचौंध से दूर तमिलनाडु के एक गांव में मजदूरी का काम करते हैं, 59 साल की मां ए वरुदाम्मल और 68 साल के पिता एल लॉगानथन किसी और की खेत में मजदूरी कर रहे थे, मीडिया को इनसे बात करने के लिए खेत के मालिक इजाजत लेनी पड़ी,जब मुरुगन के माता-पिता से बातचीत की गई तो उन्होंने अपने बेटे की कामयाबी का श्रेय लेने से मना कर दिया, उन्होंने कहा, ‘अगर हमारा बेटा केंद्रीय मंत्री बन जाए तो हम क्या कर सकते हैं, हमने उसके करियर में तरक्की के लिए कुछ भी नहीं किया।
एल मुरुगन दलित हैं और वो अरुणथातियार समुदाय से आते हैं, नमक्कल ज़िले में इनका छोटा सा घर है, मुरुगन के पिता ने बताया कि उनका बेटा पढ़ाई में बेहद अच्छा था, मुरुगन ने चेन्नई के आंबेडकर लॉ कालेज से कानून की पढ़ाई की, पिता को बेटे की पढ़ाई के लिए दोस्तों में पैसे उधार लेने पड़े थे. मुरुगन की मां ने कहा, ‘हमलोग कभी-कभी तीन-चार दिनों के लिए चेन्नई जाते थे, लेकिन उसके बिजी लाइफस्टाइल में हम फिट नहीं हो पाए. लिहाजा हमलोग फिर से अपने गांव कोन्नूर आ गए.’एल मुरुगन ने मंत्री बनने के बाद अपने माता-पिता को फोन किया था. तब इन दोनों ने उनसे पूछा था कि क्या तमिलनाडु बीजेपी इकाई के अध्यक्ष पद से उनका मौजूदा पोस्ट बड़ा है।