देश में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है| लंबे समय से इनके दामों में कोई कमी नहीं देखी जा रही है, जिसके कारण उपभोक्ता परेशान दिखाई दे रहे हैं| पेट्रोल-डीजल के बढ़े मूल्यों को लेकर सीधे तौर पर नागरिकों द्वारा केंद्र पर निशाना साधा जा रहा है| वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेट्रोल डीजल के बढ़ते दामों पर आज चुप्पी तोड़ी|
कोविड-19 महामारी को लेकर मुख्यमंत्रियों की बैठक में उन्होंने विपक्ष के शासन वाले राज्यों से अपील की कि वे पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाएं| उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पिछले साल एक्साइज में कटौती की थी| इसके बाद भाजपा के शासन वाले राज्यों ने वैट घटा कर जनता को राहत दी थी, लेकिन ऐसा विपक्ष के शासन वाले राज्यों में नहीं किया गया|
इस बीच सरकारी सूत्रों ने आंकड़ें साझा किए हैं, जो बताते हैं कि किस तरह वैट न घटा कर विपक्ष के शासन वाले राज्यों ने पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक राजस्व कमाया है| इसके मुताबिक वैट में कटौती न करने से इन राज्यों को पिछले छह महीने में पेट्रोल पर 4772 और डीजल पर 7669 करोड़ रुपए का राजस्व मिला|
इनमें सबसे अधिक महाराष्ट्र को 3472 करोड़ रुपए मिले| तमिलनाडु को 2924, पश्चिम बंगाल को 1343, आंध्र प्रदेश को 1371, तेलंगाना को 1302, केरल को 1187, झारखंड को 664, दिल्ली को 173 और लक्षद्वीप को पांच करोड़ रुपए का राजस्व मिला| दिल्ली ने पेट्रोल पर वैट कम कर दिया था लेकिन डीजल पर नहीं किया था|
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