दिल्ली/मुंबई। शरद पवार केंद्रीय गृह और सहकारी मंत्री अमित शाह से मुलाकात की,शरद पवार की 17 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी,3 अगस्त सुबह उनकी पुत्री सांसद सुप्रिया सुले ने 14 दलों के विपक्षी पार्टियों के सम्मेलन में राहुल गांधी के साथ ब्रेकफास्ट किया था और दोपहर में शरद पवार ने अमित शाह से मुलाकात की,मोदी मंत्रमंडल के विस्तार में एक नया मंत्रालय अस्तित्व में आया, इस सहकारिता मंत्रालय का कार्यभार अमित शाह संभाल रहे हैं, कोई इस मुलाकात का मकसद महाराष्ट्र में आई बाढ़ और उसके बाद पैदा हुई स्थिति से जोड़ कर देख रहा है, कोई इसका कनेक्शन शरद पवार की पुत्री व सांसद सुप्रिया सुले की सोमवार को हुई वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ गुप्त मीटिंग में ढूंढ रहा हैं, पर एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक के मुताबिक यह मीटिंग को-ऑपरेटिव बैंक के संबंध में कुछ चिंताओं को लेकर हुई है।
नवाब मलिक ने मुंबई में लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह स्पष्ट किया कि केंद्रीय गृहमंत्री और सहकारी मंत्री अमित शाह से शरद पवार की मुलाकात का सिर्फ और सिर्फ एक ही कारण है को-ऑपरेटिव बैंकिंग की स्वायत्तता से जुड़ा प्रश्न. इस संबंध में हमारी एक चिंता है. जिस तरह नए नियम बनाए गए हैं, उससे हमें लगता है कि को-ऑपरेटिव बैंकिंग की स्वायत्तता प्रभावित होगी. इसी संबंध में प्रधानमंत्री जी से भी शरद पवार की मुलाकात हुई थी. इसी मुद्दे पर अमित शाह से भी उनकी मुलाकात हुई है. इसके अलावा इस मीटिंग का कोई अर्थ निकालना उचित नहीं है।
अमित शाह द्वारा सहकारिता मंत्रालय संभालने के बाद शरद पवार की उनसे पहली मुलाकात हुई,कहा जा रहा है कि इस मीटिंग में महाराष्ट्र के सहकारिता बैंकों के संबंध में कुछ अहम बातें हुई हैं. महाराष्ट्र की ग्रामीण राजनीति कई जगहों पर इसी को-ऑपरेटिव सेक्टर के इर्द-गिर्द घुमती है. महाराष्ट्र में सालों तक एनसीपी और कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को ताकत इसी क्षेत्र से मिलती रही है. अब इस सहकारिता क्षेत्र की पूरी चाबी अमित शाह के हाथ में है।