दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का संकट लगातार गहराता जा रहा है। सोमवार सुबह भी राजधानी की हवा ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई, जिससे लोगों की सांसों पर खतरा और बढ़ गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के सुबह सात बजे के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अधिकांश इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार रहा।
आनंद विहार में AQI 429, अशोक विहार में 420 और बवाना में 432 तक पहुंच गया। वहीं जहांगीरपुरी (437), पंजाबी बाग (412) और रोहिणी (438) जैसे इलाकों में प्रदूषण स्तर बेहद चिंताजनक बना हुआ है।
राजधानी के कई हिस्सों में AQI ‘गंभीर’ और ‘बेहद खराब’ श्रेणी के बीच झूलता रहा, जिससे सांस और फेफड़ों से जुड़े मरीजों के लिए स्थिति और खराब हो गई है। धुंध, हल्का कोहरा और दिनभर वातावरण में तैरते स्मॉग ने दृश्यता भी प्रभावित की। हवा की सुस्ती ने पीएम2.5 और पीएम10 कणों को तेजी से जमने नहीं दिया, जिसके चलते दिल्ली की हवा और जहरीली होती गई।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद में भी प्रदूषण का स्तर भयावह है। लोनी में AQI 464 दर्ज किया गया, जबकि इंदिरापुरम में यह 421 तक पहुंच गया। नोएडा के सेक्टर 125 में AQI 436 और सेक्टर 62 में 370 दर्ज किया गया। गुरुग्राम के एनआईएसई ग्वाल पहाड़ी में AQI 325 और सेक्टर 51 में 324 रहा। फरीदाबाद की हवा comparatively बेहतर लेकिन ‘खराब’ श्रेणी में रही, जहां सेक्टर 30 में AQI 197 रिकॉर्ड किया गया।
सीपीसीबी के अनुसार, दिल्ली में प्रदूषण बढ़ाने वाले कारकों में वाहन उत्सर्जन का योगदान 14.95%, पराली जलाने का 2.85%, निर्माण गतिविधियों का 2.24% और कूड़ा जलाने का 1.40% रहा। शनिवार और रविवार के बीच प्रदूषण स्तर में छह अंक की वृद्धि दर्ज की गई। वेंटिलेशन इंडेक्स 8500 मीटर प्रति वर्ग सेकंड और हवा की गति पांच किमी प्रति घंटा रहने से प्रदूषक कणों का फैलाव सीमित रहा।
सीपीसीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, मंगलवार तक स्थिति में सुधार की संभावना कम है और हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी रह सकती है। सरकार और एजेंसियों ने नागरिकों को सतर्क रहने, मास्क पहनने और अनावश्यक बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है।
यह भी पढ़ें-
दिल्ली विस्फोट बाद यूपी में अलर्ट, कश्मीरी डॉक्टर-छात्रों पर सख्त निगरानी!



