भारत में विभिन्न देशों के राजदूतों ने महाकुंभ में भाग लिया और गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। उन्होंने इसे एक ऐसा अनुभव बताया जिसने उनके जीवन को बदल दिया और भारत तथा भारतीय लोगों से उन्हें जोड़ने का अवसर दिया।
इक्वाडोर के राजदूत फर्नांडो बुचेली ने कहा, “मैं वहां गया, और यह सचमुच जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव था। मुझे गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ—न सिर्फ अपने पापों को धोने के लिए, बल्कि यह जानने के लिए भी कि भारत आध्यात्मिक रूप से खुद को कैसे प्रस्तुत करता है। सबसे महत्वपूर्ण यह रहा कि इसने मुझे भारतीय लोगों से जुड़ने का अवसर दिया।”
ग्वाटेमाला के राजदूत उमर लिसेंड्रो कास्टानेडा सोलारेस ने भी महाकुंभ-2025 का अनुभव साझा करते हुए कहा, “महाकुंभ मेले में हमारा अनुभव वास्तव में अविश्वसनीय और अत्यधिक आध्यात्मिक था। हम आयोजकों, विशेष रूप से विदेश मंत्रालय, के प्रति आभार व्यक्त करते हैं। मुझे पहली बार इसमें शामिल होने का सौभाग्य मिला, और यह निश्चित रूप से मेरे जीवन का अविस्मरणीय अनुभव रहेगा।”
इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों सहित करोड़ों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई।
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