प्रयागराज महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान!

महाकुंभ में एक दिन में 45 लाख से ज्यादा लोग संगम स्नान कर रहे हैं। अब मौनी अमावस्या के स्नान की तैयारी है। इसमें कई रिकॉर्ड टूटने ​का​ अनुमान लगाया जा रहा हैं।​

प्रयागराज महाकुंभ 2025: मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान!

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मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं के लिए मकर संक्रांति से भी बेहतर इंतजाम किए जा रहे हैं। यातायात के साथ ही साफ-सफाई के लिए मैन पावर में बढ़ोतरी की जाएगी। डीजीपी प्रशांत कुमार ने बुधवार को संगम में स्नान के बाद जानकारी दी। बता दें कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर ​पावन​ त्रिवेड़ी के संगम पर डुबकी लगाने के लिए 10 करोड़ लोगों के पावन त्रिवेणी के तट पर पहुंचने का अनुमान है। इस पुण्य और पावन अवसर का भागीदार बनने के लिए कई देशों से श्रद्धालु महाकुम्भ नगर आ रहे हैं।

​मौनी अमावस्या को माधी और माघ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है| इस दिन का शाही स्नान बहुत ही खास माना जा रहा है| इस दिन कई सारे दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं| दरअसल, 29 जनवरी को चंद्रमा, सूर्य और बुच मकर राशि में त्रिवेणी संयोग बनायेंगे|

​वही, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशा​ नंद गिरि ​ने​ जानकारी देते हुए कहा की ​अकेले उनके शिविर में इस पुण्य पर्व पर फ्रांस, इटली, जापान और रूस से 5000 से अधिक विदेशी भक्तों के लिए व्यवस्था की जा रही है। महाकुम्भ नगर में अयोध्या की तरह बन रहा राम मंदिर (प्रतिकृति) अब तैयार हो चुका है। रामलला की प्रतिमा भी बिल्कुल अयोध्या के मंदिर जैसी ही है।

महाकुम्भ में पुण्य अर्जित करने की आस लिए आस्थावानों से सभी सड़के भरी दिखाई दे रही हैं। ​बुधवार को शाम छह बजे तक तकरीबन 47 लाख श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इनमें दस लाख से अधिक कल्पवासी भी शामिल हैं। मंगलवार तक 9.24 करोड़ आस्थावान संगम में पुण्य की डुबकी लगा चुके थे। इस प्रकार बुधवार शाम छह बजे तक स्नान करने वालों की संख्या 9.71 करोड़ पहुंच चुकी है।​

महाकुम्भ नगर में अयोध्या की तरह बन रहा राम मंदिर (प्रतिकृति) अब तैयार हो चुका है। बुधवार को इसमें रामलला की प्रतिमा स्थापित कर दी गई, रामलला की प्रतिमा भी बिल्कुल अयोध्या के मंदिर जैसी ही है। इसे देखकर अयोध्या के मूल राम मंदिर और महाकुम्भ मेला क्षेत्र के सेक्टर एक (परेड मैदान) के पास बने इसके प्रतिकृति में अंतर कर पाना बहुत मुश्किल हो रहा है।​

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