25 C
Mumbai
Wednesday, January 15, 2025
होमदेश दुनियाप्रयागराज महाकुंभ 2025: सुर्खियां बटोरती स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या!

प्रयागराज महाकुंभ 2025: सुर्खियां बटोरती स्वामी कैलाशानंद गिरि की शिष्या!

दुनिया की अमीर महिलाओं में शुमार पावेल और दूसरी हैं हर्षाकी आज तक चर्चा हो रही है| 

Google News Follow

Related

महाकुंभ का पौष पूर्णिमा के पहले स्नान के साथ आगाज हो गया है| यूपी के प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हुआ है| आधिकारिक रूप से 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में मकर संक्रांति पर्व पर करीब चार करोड़ लोगों ने अमृत स्नान किया| इस दौरान एप्पल के सहसंस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी पावेल और दूसरी भारत की रहने वाली इन्फ्लुएंसर हर्षासुर्खियां बटोरती दिखाई दी| दोनों ही निरंजनी अखाड़े की शिष्य के रूप महाकुंभ के महात्म को जानने पहुंची हुई है|  

दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में यूपी सरकार और प्रशासन के क्राउड मैनेजमेंट की जमकर प्रशंसा की जा रही है| हालांकि, इसके अलावा कुंभ में पहुंचे खास दो लोगों की चर्चाएं भी खूब हो रही हैं|इसमें एक एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी पॉवेल और दूसरी हैं हर्षा|

निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के शिष्य एप्पल के फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स प्रयागराज महाकुंभ में कल्पवास के लिए भारत आई हैं| लगभग 10 दिनों तक वह अपने परिवार के साथ कुंभ नगरी में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के सानिध्य में रहकर स्नान, ध्यान और दान के साथ-साथ हिंदू संस्कृति को जानेंगी|

आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने लॉरेन पॉवेल को न केवल ‘कमला’ नाम दिया है| बल्कि अपना गोत्र भी दिया है|हालांकि स्वामी कैलाशानंद गिरि ने स्पष्ट किया कि वह हिंदू धर्म नहीं अपना रही हैं|कैलाशानंद गिरि की शिष्या, जो सबसे अधिक कुंभ में चर्चा का विषय बनीं, वह हैं हर्षा रिछारिया| हर्षा वैसे भोपाल की रहने वाली हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से हरिद्वार और ऋषिकेश में उन्हें देखा गया है|

पेशे से इन्फ्लुएंसर हर्षा कुछ महीने पहले ही स्वामी कैलाशानंद से मिली हैं, लेकिन प्रयागराज महाकुंभ में संतों के रथ पर सवार जब हर्षा पर मीडिया की नजर पड़ी, तो लोगों ने उन्हें संत ही समझा| इतना ही नहीं, शुरुआती दौर में उन्होंने खुद से भी कुछ ऐसा कहा जो इस बात की पुष्टि करता है| हालांकि, अब हर्षा कह रही हैं कि वह संत नहीं बल्कि स्वामी कैलाशानंद की शिष्या हैं| इतना ही नहीं, उनके बालों में लगी जटाएं आर्टिफिशियल हैं, जबकि संतों की जटा बनने में लगभग तीन से चार साल का समय लग जाता है|

हर्षा जैसे ही महाकुंभ में वायरल हुई, वैसे ही उनके इंस्टाग्राम पर फॉलोअर्स की संख्या में लाखों का इजाफा हो गया| दरअसल, 14 जनवरी तक लगभग उनके फॉलोअर्स 9 लाख के करीब थे| लेकिन अब उनके फॉलोअर्स की संख्या बढ़कर 1.3 मिलियन हो गई है|

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि शिष्य, संत या साध्वी में हमें अंतर समझना चाहिए| शिष्य कोई भी हो सकता है| जरूरी नहीं कि जिसने भगवा वस्त्र पहना है, वो संत ही हो| और ऐसा भी नहीं है की कोई गृहस्थी संत नहीं हो सकता है| प्रयागराज महाकुंभ में दुनिया से लोग आए हैं| इनमें कोई ना कोई किसी ना किसी के शिष्य हैं| रही बात संत बनने की तो कुंभ मेले में अब आगे-आगे कई नए संत भी बनेंगे|

यह भी पढ़ें-

प्रयागराज महाकुंभ 2025: शंकराचार्य ने किया “कुण्डीय पञ्चायतन और गौ-प्रतिष्ठा” महायज्ञ का आयोजन!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

98,227फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
222,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें