प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नए संसद भवन की छत पर बने राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तम्भ का अनावरण किया। नए संसद भवन की छत पर ढले 6.5 मीटर ऊंचे कांस्य राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का वजन लगभग 9,500 किलोग्राम है और 4.4 मीटर चौड़ा है। 6.5 मीटर ऊंचा यह अशोक स्तंभ कांसे का बना हुआ है। इसे दूर से ही देखा जा सकता है। इसे बनाने में नौ महीने का समय लगा है। अशोक स्तंभ को नई संसद भवन की इमारत की छत पर बीचोबीच में स्थापित किया गया है। वहीं अशोक स्तंभ को सपोर्ट के लिए स्टील का एक 6500 किलो का स्ट्रक्चर भी बनाया गया है।
अशोक स्तंभ को बनाने के लिए कुल आठ चरणों में काम हुआ है। जिसमें शुरूआती दौर में कॉन्सेप्ट स्केच, क्ले मॉडलिंग इसे साथ ही कंप्यूटर ग्राफिक सहित कुल आठ चरण में इसे तैयार किया गया। अशोक स्तम्भ को 150 हिस्सों में तैयार किया गया है। नई संसद की इमारत पर इसे अप्रैल के अंत में असेम्बल करने का कार्य शुरू किया गया। इसको पहले संसद भवन के छत पर ले जाया गया। उसके बाद फिर इसकी असेंबलिंग का कार्य किया गया।
बताया जा रहा है कि नई संसद भवन का कार्य दिसंबर 2022 में ख़त्म हो जाएगा। संसद भवन का कार्य तेजी से चल रहा है। इस दौरान पीएम मोदी ने नई संसद बनाने वाले श्रमिकों से मुलाकात की और उनसे बातचीत किया। नई संसद भवन की डिजाइन भारतीय वास्तु कला का बेहतरीन नमूना होगी। इसका विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। अशोक स्तम्भ के अनावरण के मौके पर पीएम मोदी ने अशोक स्तंभ के सामने खड़े होकर तस्वीर खिचवाये।
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