बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद अंतिरम सरकार के प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने हिंदू और गैर मुसलमानों पर कहर ढाना शुरू किया है। जमात-ए-इस्लामी जैसे कट्टरपंथी संघटन पर से प्रतिबंध हटाने और कट्टरपंथियों को खुली छूट देने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगतार हमलें हो रहें है। पिछले 2 महीनों से हिंदू मंदिरों और बस्तियों को जलाकर राख़ किया गया है। इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को घेरकर मारा जा रहा है। बांग्लादेश में हिंदू समाज पर होने वाले हमलों के खिलाफ रविवार (8 दिसंबर) को मुंबई और ठाणे में सकल हिंदू समाज की और से मोर्चे निकले गए।
मुंबई उपनगर में विक्रांत सर्कल विद्याविहार से लेकर निओ वेलकम घाटकोपर पश्चिम तक सकल हिंदू समाज ने मोर्चा निकला। शाम को निकाले गए मोर्चे में 2000 से अधिक लोगों ने इस मोर्चा में हिस्सा लिया। दौरान 300 से ज्यादा महिलाऐं और 50 मशाल धारियों ने भी सहभाग लिया। इसी बीच हिंदूओं ने ढाका पुलिस द्वारा झूठे केस में गिरफ्तार चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के रिहाई की मांग उठाई है। दौरान विश्व हिंदू परिषद के शंकर गायकर ने लोगों को संबोधित करते हुए, हिंदुओ पर हो रहें जघन्य अपराधों और निर्दयता की निंदा की।
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लोगों से बात करने पर उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस की सरकार गैर मुसलमानों खासकर हिंदूओं की रक्षा नहीं कर रही है, उन्होंने उल्टे न्याय की मांग करने वाले चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर झूठा राजद्रोह का मुकदमा चलाया है। हमारे मंदिरों को जलाया जा रहा है, हमारे देवताओं की मूर्तियां तोड़ी जा रही है। हिंदूओं को घेरकर मारा जा रहा है, महिलाओं की इज्जत लूटी जा रही है, हिंदुओं से जबरन इस्तीफे लिए जा रहे है। हम सरकार से मांग करते है भारत में घुसपैठ कर के रहने वाले बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं को भी भगाना चाहिए। यूनुस सरकार को बांग्लादेश में हिंदूओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए, हम भारत सरकार इसकी मांग करते है।”