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Tuesday, December 16, 2025
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सोते वक्त मुंह पर टेप लगाना ट्रेंड नहीं, सेहत के लिए खतरा!

एस्फिक्सिएशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण प्रायः सांस लेने में कठिनाई होती है या दम घुटने लगता है।

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क्या आप सोशल मीडिया पर चल रहे इस ट्रेंड को फॉलो करते हैं कि सोते समय मुंह पर टेप लगाना मुंह की बजाय नाक से सांस लेने में मदद करता है? सावधान रहें, इससे दम घुटने का गंभीर खतरा हो सकता है।

एस्फिक्सिएशन एक ऐसी स्थिति है, जिसमें शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिसके कारण प्रायः सांस लेने में कठिनाई होती है या दम घुटने लगता है।

जब नाक के रास्ते बंद हो जाते हैं, तो सांस नाक से मुंह में चली जाती है। मुंह से सांस लेने को नींद में गड़बड़ी से जोड़ा गया है, जिसमें खर्राटे से लेकर ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी स्थितियां शामिल हैं, जिसमें नींद के दौरान सांस बार-बार रुकती और शुरू होती है।

हालांकि, हाल ही में सोशल मीडिया द्वारा प्रचारित एक चलन के तहत कुछ लोग मुंह से सांस लेने से रोककर नींद में खलल पैदा करने वाली श्वास संबंधी बीमारी का इलाज करने के लिए रात में अपने मुंह को टेप से बंद कर लेते हैं।

कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स और मशहूर हस्तियों ने माउथ टेपिंग की सिफारिश की है, जिनका दावा है कि इससे बेहतर नींद, बेहतर ओरल हेल्थ और एंटी-एजिंग परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

ब्रिटेन के वेस्टर्न विश्वविद्यालय के ओटोलैरिंगोलॉजिस्ट और स्लीप सर्जन डॉ. ब्रायन रोटेनबर्ग ने कहा, “हमारे शोध से पता चलता है कि सोते समय मुंह को बंद करना खतरनाक है, खासकर उन लोगों के लिए जो शायद यह नहीं जानते कि उन्हें स्लीप एपनिया है।”

उन्होंने कहा, “ये लोग अनजाने में अपने लक्षणों को बदतर बना रहे हैं और खुद को हृदय रोग जैसी गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के अधिक जोखिम में डाल रहे हैं।”

शोधकर्ताओं ने कुल 213 रोगियों के मुंह को बंद करने के संभावित लाभों का मूल्यांकन करने के लिए टेप या अन्य उपकरणों का उपयोग किया तथा इसके लिए 10 पूर्व प्रकाशित अध्ययनों का मूल्यांकन किया।

पीएलओएस वन पत्रिका में प्रकाशित शोध-पत्र में टीम ने कहा कि इस अभ्यास से “वायु प्रवाह में बाधा उत्पन्न होने से मौजूदा नींद संबंधी विकार और भी बदतर हो सकते हैं। श्वसन तंत्र पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, तथा नाक में रुकावट होने पर मरीजों के दम घुटने का खतरा बढ़ सकता है।”

10 अध्ययनों में से दो ने सुझाव दिया कि हल्के अवरोधक से मामूली सुधार हो सकता है। हालांकि, अन्य अध्ययनों में कोई सबूत नहीं मिला कि मुंह पर टेप लगाने से मुंह से सांस लेने, नींद में गड़बड़ी या स्लीप एपनिया के इलाज में मदद मिल सकती है।

 
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