विजयादशमी के अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए साफ कहा कि अगर उसने सर क्रीक इलाके में कोई हिमाकत की तो उसे ऐसा जवाब दिया जाएगा कि “इतिहास और भूगोल दोनों बदल जाएंगे।” भुज एयरबेस पर जवानों के बीच शस्त्र पूजा के दौरान उन्होंने कहा कि 1965 की जंग में भारतीय सेना लाहौर तक पहुंचने की क्षमता दिखा चुकी है। आज पाकिस्तान को यह याद रखना चाहिए कि “कराची का एक रास्ता क्रीक से होकर गुजरता है।”
रक्षा मंत्री ने बताया कि हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक भारत की सुरक्षा प्रणाली को भेदने की नाकाम कोशिश की, लेकिन भारतीय सेनाओं ने उसकी चाल को पूरी तरह नाकाम कर दिया और पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम को एक्सपोज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन से दुनिया को स्पष्ट संदेश मिल गया है कि भारत की सेनाएं जब चाहें, जहां चाहें और जैसे चाहें, पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखती हैं।
राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा संयम का परिचय दिया है क्योंकि हमारी कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ रही है, न कि युद्ध छेड़ने के लिए। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर के सभी सैन्य लक्ष्यों को सफलतापूर्वक प्राप्त किया है। मगर आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है।”
उन्होंने सर क्रीक विवाद पर कहा कि आजादी के 78 साल बाद भी पाकिस्तान इस क्षेत्र में विवाद खड़ा करता रहता है। कई बार बातचीत के जरिए समाधान की कोशिशें की गईं, लेकिन पाकिस्तान की नीयत में खोट है। हाल के दिनों में उसकी सेना द्वारा सर क्रीक से सटे इलाकों में सैन्य ढांचा बढ़ाना उसकी मंशा को उजागर करता है।
गांधी जयंती का स्मरण करते हुए रक्षा मंत्री ने महात्मा गांधी के मनोबल का उल्लेख किया और कहा कि हमारे सैनिकों के पास तो शस्त्र भी हैं और मनोबल भी, इसलिए कोई चुनौती हमारे सामने टिक नहीं सकती। उन्होंने मां दुर्गा से प्रार्थना करते हुए कहा कि “हमारे शस्त्र सदैव धर्म की रक्षा के लिए प्रेरित हों और हमारे सैनिक असीम शक्ति व साहस से राष्ट्र को अजेय और अभेद्य बनाए रखें।”
उन्होंने कहा कि थल सेना, वायु सेना और नौसेना तीनों हमारी शक्ति के स्तंभ हैं और जब ये मिलकर काम करते हैं तो हर चुनौती का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सकता है। सरकार लगातार सेनाओं की संयुक्तता पर जोर दे रही है। अंत में रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर वीर जवानों और अधिकारियों को बधाई दी और कहा कि “धर्म की रक्षा के लिए केवल संकल्प ही नहीं, बल्कि शक्ति भी जरूरी है। शस्त्र पूजा का अर्थ सैनिकों का सम्मान करना है, जो राष्ट्र की रक्षा के लिए इन्हें धारण करते हैं।”
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