आरबीआई ब्याज दरों में कर सकता है कटौती, मुद्रास्फीति में गिरावट का दिखेगा असर!

एचएसबीसी की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं।

आरबीआई ब्याज दरों में कर सकता है कटौती, मुद्रास्फीति में गिरावट का दिखेगा असर!

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भारत में मुद्रास्फीति दर जनवरी में 5.22 प्रतिशत से घटकर 4.31 प्रतिशत पर आ गई है। लगातार चार महीनों तक 5 प्रतिशत से अधिक रहने के बाद, यह आरबीआई के 4 प्रतिशत लक्ष्य के करीब पहुंच गई है। इस बदलाव से ब्याज दरों में संभावित कटौती की संभावना बढ़ गई है, जिसमें वर्तमान रेपो रेट 6.25 प्रतिशत पर बना हुआ है। शनिवार को जारी एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई।

मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड की रिपोर्ट के मुताबिक, बाजार की मौजूदा स्थिति निवेशकों की सतर्क मानसिकता को दर्शाती है, जो आर्थिक हालात, विभिन्न सेक्टरों के विकास और वैश्विक वित्तीय बाजार के रुझानों पर निर्भर करती है। फरवरी में निफ्टी 500 इंडेक्स में 7.88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 5 ईयर बेंचमार्क जी-सेक (+0.53 प्रतिशत) सहित निश्चित आय वाले साधनों ने स्थिरता बनाए रखी।

वैश्विक बाजारों की बात करें तो स्विट्जरलैंड (3.47%) और यूनाइटेड किंगडम (3.08%) ने बढ़त दर्ज की, जबकि जापान (1.38%) की गिरावट देखने को मिली। अमेरिका में सीपीआई मुद्रास्फीति 3 प्रतिशत रही, जो पिछले महीने के 2.90 प्रतिशत से मामूली बढ़ोतरी को दर्शाती है।

एचएसबीसी की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, भारत की दीर्घकालिक आर्थिक संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग में सरकारी निवेश, निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी और रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार के चलते आने वाले समय में निवेश चक्र के तेज होने की उम्मीद है।

एचएसबीसी म्यूचुअल फंड की ‘मार्केट आउटलुक रिपोर्ट 2025’ में कहा गया है कि रिन्यूएबल एनर्जी, हाई-एंड टेक्नोलॉजी कंपोनेंट्स का स्थानीयकरण और भारत का वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ओर बढ़ना आर्थिक विकास को बल देगा।

रिपोर्ट के अनुसार, “मौजूदा विकास-मुद्रास्फीति के आंकड़े, आरबीआई की पिछली नीतिगत कार्रवाइयों और मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के हालिया रुख को देखते हुए, हमें उम्मीद है कि आरबीआई अपनी अप्रैल नीति बैठक में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की दर कटौती कर सकता है, जबकि तरलता (लिक्विडिटी) प्रबंधन में सतर्क और लचीला बना रहेगा।”

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