Republic Day 2025:  कलाकारों ने कर्तव्य पथ बिखेरी छठा, पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य कला प्रदर्शन! 

कलात्मक प्रस्तुति को देश के आदिवासी और लोक रूपों की समृद्ध और रंगीन विरासत के माध्यम से जीवंत बनाया गया|

Republic Day 2025:  कलाकारों ने कर्तव्य पथ बिखेरी छठा, पारंपरिक वेशभूषा में नृत्य कला प्रदर्शन! 

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देश आज हर्षोल्लास व उमंग के साथ 76 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है| इस साल कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कई विशेष सांस्कृतिक झांकियों की प्रस्तुति देखने को मिली| पहली बार देश के अलग-अलग हिस्सों से लगभग हजारों कलाकारों ने एक साथ 45 से अधिक नृत्य कला का प्रदर्शन किया| 

इस दौरान 5000 हजार से अधिक की संख्या में कलाकारों ने 11 मिनट की सांस्कृतिक प्रस्तुति के दौरान संपूर्ण कर्तव्य पथ को कवर किया, जिसकी थीम जयति जय मम् भारतम्’ थी| जिसके साथ ही यह नृत्य रचना ‘विकसित भारत: विरासत भी विकास भी’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की थीम पर आधारित थी| भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में कोरियोग्राफी की गई|

ऐसा पहली बार है कि जब इतनी बड़ी संख्या में कलाकारों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो| इस कार्यक्रम में कुल 5000 कलाकार और 45 से अधिक नृत्य शैलियों का प्रदर्शन किया गया| इसमें सभी कलाकार मूल आदिवासी प्रामाणिक वेशभूषा, आभूषण, टोपी और भाले, तलवार और ड्रम जैसे पारंपरिक सामानों के साथ नजर आए, जिसने प्रस्तुति को चार चांद लगा दिए| जनजातीय कलाकारों ने युवा शक्ति, नारी शक्ति, कलात्मक विरासत का प्रतिनिधित्व किया|

कलात्मक प्रस्तुति को देश के आदिवासी और लोक रूपों की समृद्ध और रंगीन विरासत के माध्यम से जीवंत बनाया गया| ‘जयति जया ममः भारतम’ प्रस्तुति के गीत सुभाष सहगल ने लिखे और संगीत शंकर महादेवन ने दिया था|

पहली बार, प्रस्तुति ने विजय चौक और सी हेक्सागोन से पूरे कर्तव्य पथ को कवर किया| ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मेहमानों को समान देखने का अनुभव मिले| इसको तैयार करने में नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के विशेषज्ञों की एक टीम ने 60 से अधिक प्रॉप्स डिजाइन किए|जो आदिवासी संस्कृति और उनके जीवन को दिखाते हैं| इसके प्रस्तुति के कई महीनों पहले से तैयारी की जा रही थी|

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