उत्तर प्रदेश: जनसंख्या नियंत्रण वाला मसौदा तैयार, सीएम योगी को सौंपा

उत्तर प्रदेश: जनसंख्या नियंत्रण वाला मसौदा तैयार, सीएम योगी को सौंपा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने सोमवार को संशोधित जनसंख्या नियंत्रण वाला मसौदा सीएम योगी को सौंप दिया है। बताया कि इस लगभग 99 प्रतिशत लोगों इस कानून का समर्थन किया है।आयोग ने बताया कि 8500 सुझाव मिले थे,जिसमें सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज और वकील भी शामिल हैं।अब सरकार आगे की कार्रवाई पर विचार करेगी।

मसौदा विधेयक के शुरुआती वर्जन को विधि आयोग की वेबसाइट पर 9 जुलाई को प्रकाशित किया गया था। जिसके बाद 19 जुलाई को जनता से सुझाव भी मांगे गए थे। विधि आयोग ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि हर राष्ट्रवादी के लिए बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। आयोग की राय है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक स्वतंत्र कानून होना चाहिए, और दो-बाल परिवार नीति का पालन करने वालों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसका उल्लंघन करने वालों को राज्य कल्याणकारी योजनाओं और स्थानीय निकाय चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने कहा कि संशोधित मसौदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस में जमा कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि आयोग को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जजों और वकीलों समेत करीब 8,500 सुझाव मिले थे।

उन्होंने बताया कि करीब 99.5 प्रतिशत लोगों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया था। सपना त्रिपाठी ने कहा कि कई फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि दो बच्चों की नीति जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के खिलाफ नहीं है और न ही यह धर्म की स्वतंत्रता के खिलाफ है।  यह नीति देश के कल्याण के लिए है और देश के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। मसौदा विधेयक के मुताबिक नीति सरकार द्वारा अधिसूचित तिथि पर लागू की जाएगी इसके मुताबिक अगर किसी के दो से ज्यादा बच्चे हैं, जिनमें एक का जन्म तय तारीख के बाद हुआ है तो उसे सरकारी नीति का उल्लंघन माना जाएगा।
इसके हिसाब से पहले से दो बच्चों वाला व्यक्ति अधिनियम की अधिसूचना के एक साल के भीतर तीसरा बच्चा पैदा कर सकता है। अगर कोई भी कपल अपनी मर्जी से नसबंदी करवाता है और पत्नी की उन्र 45 साल है उनका छोटा बच्चा अगर 10 साल का है तो उसे पाॉलिसी में कंसीडर किया जाएगा। ड्राफ्ट बिल के मुताबिक जो व्यक्ति टू-चाइल्ड पॉलिसी को अपनाएगा, उसे हाउसिंग बोर्ड या डेवलपमेंट अथॉरिटी से प्लॉट या हाउस साइट की खरीद पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। वहीं घर बनाने और खरीदने के लिए कम ब्याज पर लोन का फायदा भी मिलेगा।

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