महिला पहलवानों से उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को बड़ी राहत मिली। दरअसल दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने कई पहलवानों की शिकायतों के आधार पर दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह और महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर सिंह को नियमित जमानत दे दी है।
कोर्ट ने दोनों को 25-25 हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी है। अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कई शर्तें लगाईं। कोर्ट ने कहा कि आरोपी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगे। कोर्ट की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगे।
वहीं इससे पहले राउज एवेन्यू कोर्ट ने बृजभूषण शरण सिंह की नियमित जमानत याचिका पर फिलहाल शाम चार बजे तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था। इस बीच, कोर्ट में कहा था कि दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि वह जमानत याचिका का न तो विरोध कर रहे हैं और न ही समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना केवल इतना है कि इस पर कानून के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अंतरिम जमानत के दिन सुनवाई में बृजभूषण के वकीलों ने दलील दी थी कि दिल्ली पुलिस ने बिना जांच के चार्जशीट दायर की है। इन केसों में 5 साल से ज्यादा सजा का प्रावधान भी नहीं है। वहीं कोर्ट की तरफ से पूछे जाने पर दिल्ली पुलिस ने कहा था कि बृजभूषण को गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन जमानत की शर्त होनी चाहिए। जिस पर कोर्ट ने रेगुलर के बजाय अंतरिम जमानत दी।
गौरतलब है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की अगुआई में पहलवानों ने हाल में लगभग 2 महीनों तक दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन किया था। प्रदर्शनकारी पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। दिल्ली पुलिस ने 28 मई को कानूनी व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रदर्शनकारी पहलवानों को वहां से हटा दिया था। इसके बाद इन पहलवानों का दंगल सोशल मीडिया पर शुरू हो गया था। हालांकि अब विनेश और बजरंग विदेश में एशियाड की तैयारी कर रहे हैं।
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