केंद्र सरकार द्वारा CAA की अधिसूचना के बाद, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान की गई। राजस्थान राज्य की सीमा पाकिस्तान से लगती है। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी शरणार्थी आ रहे हैं| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा एक संगठन इन शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दिलाने में मदद कर रहा है| सीमाजन कल्याण समिति नामक संस्था पाकिस्तानी हिंदुओं को सीएए प्रमाण पत्र बांटने का काम कर रही है, जो भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
सीमाजन कल्याण समिति राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में काम कर रही है और पिछले सप्ताह के दौरान संस्था ने जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर जिलों में 330 लोगों को यह प्रमाण पत्र दिलाने का काम किया है| साथ ही, संगठन इन दस्तावेजों को नागरिकता प्राप्त करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा शुरू की गई भारतीय नागरिकता ऑनलाइन वेबसाइट पर अपलोड करने में भी मदद कर रहा है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) ने गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने पर नागरिकता देने का रास्ता साफ कर दिया है। उसके लिए CAA सर्टिफिकेट अहम माना जाता है. स्थानीय सामाजिक संगठन से ऐसा प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद इसे शपथ पत्र और अन्य दस्तावेजों के साथ सीएए वेबसाइट पर अपलोड करना होगा।
सीमाजन कल्याण समिति के सदस्य विक्रम सिंह राजपुरोहित ने इस बारे में अधिक जानकारी दी| उन्होंने कहा, सीमाजन कल्याण समिति एक पंजीकृत संस्था है| यह प्रमाण पत्र हम अपनी संस्था के पदाधिकारी त्रिभुवन सिंह राठौड़ के हस्ताक्षर से जारी कर रहे हैं। कई लोग 2010 से पहले भारत आए, लेकिन अभी तक नागरिकता हासिल नहीं की है। अकेले जोधपुर जिले में पांच से छह हजार लोग पाकिस्तान से आये हैं|
सीएए प्रमाणपत्र स्थानीय पुजारी द्वारा भी जारी किया जा सकता है। यह आवेदक के धर्म और उसमें उसकी आस्था को व्यक्त करता है। संस्था की ओर से सीएए आवेदन भरने के लिए जैसलमेर में शिविर का आयोजन किया गया है। ये तस्वीरें सीमाजन कल्याण समिति के फेसबुक पेज पर अपलोड की गई हैं|
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