रूस की राजधानी मॉस्को से बुधवार शाम एक बड़ी खबर सामने आई। दरअसल रूस की सबसे सुरक्षित मानी जाने वाली जगह क्रेमलिन पर ड्रोन से हमला हुआ। ड्रोन को रूस की डिफेंस फोर्सेस ने काइनेटिक वीपन के जरिए तबाह कर दिया है। जबकि हमले के वक्त यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की फिनलैंड में थे। हालांकि इस हमले में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। लेकिन रूस ने दावा किया है कि यह हमला यूक्रेन की ओर से किया गया है और इसका मकसद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को जान से मारना था।
एक तरफ रूस ने इस हमले का बदला लेने की भी बात कही है। तो वहीं दूसरी और यूक्रेन ने इस हमले में अपना हाथ होने से इनकार किया है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव तो यूक्रेन से इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की हत्या की धमकी दे डाली है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति और व्लादिमीर पुतिन के करीबी दिमित्री मेदवेदेव ने कहा कि आज के आतंकी हमले के बाद हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा है और अब जेलेंस्की को मारना ही पड़ेगा।
क्रेमलिन पर अटैक सीधे तौर पर रूसी राष्ट्रपति पर जानलेवा हमले के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसे में अमेरिका की ओर से भी आधिकारिक बयान जारी किया गया है। अमेरिका ने कहा है कि रूस ने इस हमले में जो दावे किए हैं वह उनकी जांच कर रहे हैं। यूएस ने कहा कि इस बात की भी जांच की जा रही है कि इस हमले में क्या सच में पुतिन को मारने की कोशिश की गई थी?
वहीं इस हमले के बाद नाटो ने दावा किया है कि यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस समुद्र के नीचे स्थित केबल को नष्ट कर सकता है। हमले की आशंका को देखते हुए नाटो ने समुद्र के नीचे स्थित केबल की सुरक्षा बढ़ा दी है। दरअसल इन केबल्स के जरिए पश्चिमी देशों को तेल-गैस की जरूरी सप्लाई होती है। ऐसे में रूस अगर समुद्र के नीचे स्थित इन केबल्स को निशाना बनाता है तो इससे पश्चिमी देशों में जन-जीवन बाधित हो सकता है।
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