शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से पहले भारत, रूस और चीन के शीर्ष नेताओं की मुलाकात ने कूटनीतिक हलकों में खास ध्यान खींचा है। रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार (1सितंबर)को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की इस मुलाकात का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया और इसे ‘वीडियो ऑफ द डे’ करार दिया।
रूसी मंत्रालय ने इस वीडियो के साथ लिखा, “एससीओ शिखर सम्मेलन की शुरुआत से ठीक पहले, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग।” इस वीडियो में तीनों नेता सम्मेलन स्थल पर बातचीत करते हुए नजर आ रहे हैं, जिसे रूस ने एक महत्वपूर्ण क्षण बताया।
🇷🇺🇮🇳🇨🇳 President of #Russia Vladimir Putin, Prime Minister of #India Narendra Modi, and President of #China Xi Jinping just before the start of the #SCO Summit
📹 © https://t.co/D3TaoNP6O8 pic.twitter.com/FnswG9iRvk
— Russia in India 🇷🇺 (@RusEmbIndia) September 1, 2025
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एससीओ शिखर सम्मेलन के औपचारिक फोटो सेशन में हिस्सा लिया था। इस तस्वीर में पुतिन, शी जिनपिंग समेत सभी सदस्य देशों के नेता मौजूद थे। पीएम मोदी ने भी इस फोटो सेशन की झलक सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “तियानजिन में एससीओ शिखर सम्मेलन में।”
After the proceedings at the SCO Summit venue, President Putin and I travelled together to the venue of our bilateral meeting. Conversations with him are always insightful. pic.twitter.com/oYZVGDLxtc
— Narendra Modi (@narendramodi) September 1, 2025
विशेषज्ञ मानते हैं कि मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की यह अनौपचारिक बातचीत सक्रिय कूटनीति की वापसी का संकेत देती है। खासतौर पर ऐसे समय में जब वैश्विक मंच पर क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के मुद्दे लगातार चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
गौरतलब है कि चीन के तियानजिन में आयोजित इस सम्मेलन के दौरान सदस्य देशों ने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। संयुक्त बयान में मृतकों और घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई और कहा गया कि इस हमले के “दोषियों, आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।”
प्रधानमंत्री मोदी ने भी सम्मेलन के दौरान पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा था, “भारत पिछले चार दशकों से आतंकवाद का दंश झेल रहा है। कितने ही बच्चे खोए और कितने ही बच्चे अनाथ हो गए। अभी हाल ही में पहलगाम में आतंकवाद का बहुत ही घिनौना रूप देखा है। मैं इस दुख की घड़ी में हमारे साथ खड़े होने वाले मित्र देशों के प्रति आभार व्यक्त करता हूं।” यह मुलाकात और रूस द्वारा साझा किया गया वीडियो इस बात का संकेत है कि भारत, चीन और रूस के बीच संवाद और सहयोग की संभावनाएं अभी भी प्रबल हैं, भले ही वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरण कितने ही जटिल क्यों न हों।
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