रूस-यूक्रेन युद्ध: जनमत संग्रह पर भारत तटस्थ

नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाना है, जिस पर पुतिन ने सकारात्मक जवाब दिया|

रूस-यूक्रेन युद्ध: जनमत संग्रह पर भारत तटस्थ

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्रसंघ की ओर तत्काल एक बैठक आयोजित की गयी| इस बैठक में रूस द्वारा यूक्रेन पर किये जा रहे युद्ध का निषेध करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की ओर से एक प्रस्ताव लाया गया| इस दौरान सुरक्षा परिषद के कई देशों की ओर से यूक्रेन पर रूस के हमले का विरोध किया गया|अमेरिका और यूरोपीय राष्ट्रसंघ की ​​ओर से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाया गए हैं| हालांकि, भारत यूक्रेन हमले और रूस पर लगाए गए प्रतिबंध सावधानी बरतते हुए अपना रूख तटस्थ रखा है|

इस बीच संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ने रूस के हमले के खिलाफ एक संकल्प प्रस्ताव पास किया|संकल्प पर जनमत संग्रह कराया गया। भारत और चीन दोनों ने इसका बहिष्कार किया|भारत और चीन सहित संयुक्त अरब अमीरात ने भी जनमत संग्रह का बहिष्कार किया|इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने दोनों ही देशों को शांति रखने और युद्ध को रोकने की अपील की थी|हालांकि युद्ध शुरू होने के बाद से भारत ने कोई आक्रामक रूख नहीं अपनाया है|

रूस के यूएन राजदूत वसीली नेबेंज़िया की ओर संकल्प जनमत संग्रह में भाग नहीं लेने वाले देशों का आभार प्रकट किया है| उन्होंने प्रस्ताव का समर्थन करने वाले देशों को रूस विरोधी बताया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  की ओर से रूस के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से फोन पर चर्चा किया| उस समय उन्होंने ने युद्ध से बचने और बातचीत से समस्या को हल करने का सुझाव दिया| नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि उनकी प्राथमिकता भारतीय छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित वापस लाना है, जिस पर पुतिन ने सकारात्मक जवाब दिया|
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