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रूसी राजनयिक ने हिंदी में शुरू की प्रेस ब्रीफिंग, “आइए श्री गणेश करते हैं।”

तेल आपूर्ति पर भारत को दिया भरोसा

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नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में बुधवार (20 अगस्त)को आयोजित एक नियमित प्रेस ब्रीफिंग को रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने पत्रकारों के अभिवादन हिंदी में करते ही जीवंत हो गई। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,“शुरुआत करेंगे। आइए श्री गणेश करते हैं।” इस पर प्रेस रूम ठहाकों से गूंज उठा। दौरान एक पत्रकार ने भारत की प्रास्तान्वित ‘आयरन डोम’ प्रणाली पर रूस के समर्थन का सवाल किया, जिस पर बाबुश्किन ने चुटकी लेते हुए जवाब दिया,“आपका मतलब सुदर्शन चक्र से है? अगली बार मुझसे हिंदी में पूछिए, मैं बेहतर जवाब दूंगा।”

गंभीर मुद्दों पर बोलते हुए बाबुश्किन ने स्पष्ट किया कि रूस, प्रतिबंधों के दबाव के बावजूद भारत को तेल की आपूर्ति जारी रखेगा। उन्होंने कहा, “हमारे पास एक बहुत खास मैकेनिज्म है। भारत के लिए कच्चे तेल का प्रवाह स्थिर रहेगा।” साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस साल के अंत से पहले नई दिल्ली का दौरा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर सकते हैं, हालांकि तारीखें अभी तय नहीं हुई हैं।

यह आश्वासन ऐसे समय आया है जब भारत नई आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर कुल 50 प्रतिशत तक टैरिफ दोगुने कर दिए हैं, जिनमें 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क रूस से आयातित कच्चे तेल पर लगाया गया है। व्हाइट हाउस का यह कदम बार-बार दी गई चेतावनियों के बाद उठाया गया, जिसमें भारत से रूसी ऊर्जा पर निर्भरता घटाने की मांग की गई थी।

हालांकि नई दिल्ली ने साफ कहा है कि तेल खरीदारी राष्ट्रीय हित और बाजार की वास्तविकताओं से तय होती है। 2022 में यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिमी प्रतिबंधों से रूस ने भारी छूट पर तेल बेचना शुरू किया, जिसके चलते भारत के आयात में तेजी आई। 2019-20 में जहां रूस का हिस्सा भारत की तेल टोकरी में महज 1.7 प्रतिशत था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 35.1 प्रतिशत हो गया—जो रूस को भारत का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनाता है।

इस बीच यूरोपीय संघ ने पिछले महीने रूस समर्थित नायारा एनर्जी पर प्रतिबंध लगाए, जिसके कारण रिफाइनरी को उत्पादन घटाना पड़ा और कंपनियां उससे कारोबार करने से कतराने लगीं। फिर भी, रूसी अधिकारियों ने भविष्य को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया। रूस के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव एवगेनी ग्रिवा ने कहा कि भारत-रूस के बीच व्यापार हर साल 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है।

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