जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) परिसर के चारों ओर हिंदू सेना ने भगवा झंडा और बोर्ड लगाए फिर जेएनयू के लेफ्ट विंग और एनएसयूआई ने इसका खंडन करते हुए झंडो को हटा दिया| आपको बता दें कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुजीत यादव के नेतृत्व में जेएनयू परिसर में भगवा झंडे और बोर्ड लगाए गए थे|
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजीत यादव का कहना है कि जेएनयू कैंपस में लगातार भगवा और हिंदुत्व का अपमान किया जा रहा है, यह गलत है, हिंदुत्व हमारी संस्कृति है और भगवा हमारी संस्कृति का प्रतीक है|किसी भी देश के लोगों को भगवा से कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए|
यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि हिंदू हमारी संस्कृति है और इसे बचाना हमारा कर्तव्य है| भगवा कि हिंदुत्व सिर्फ एक राष्ट्र विरोधी व्यक्ति को परेशान कर सकता है| साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को भारत की संस्कृति से दिक्कत है तो वह देश छोड़ सकता है|
उनका कहना है कि पुलिस को भी भगवा झंडा उतारने की इतनी जल्दी नहीं करनी चाहिए| भगवा कोई आतंक का प्रतीक नहीं है कि पुलिस जल्दबाजी दिखा रही है, भगवा और हिंदुत्व की रक्षा करना कानून का अधिकार है|
गौरतलब है कि जेएनयू आए दिन नए विवादों में घिरा रहता है और अब हिंदू सेना की तरफ से ये नया विवाद है| जहां कैंपस के चारों ओर भगवा से जेएनयू लिखा गया और भगवा झंडे भी लगाए गए| हालांकि पुलिस ने झंडे और बोर्ड हटा दिए हैं|हिंदू सेना के इस विश्लेषण पर जेएनयू के लेफ्ट विंग ने कहा- जेएनयू कभी भी धार्मिक बहुसंख्यकवाद का प्रतीक नहीं बनेगा|
जेएनयू हमेशा एक ऐसे समतावादी, बहुल, समावेशी, प्रगतिशील, बहुसांस्कृतिक समाज के लिए खड़ा रहेगा, जहां लोगों को अपने लिए चुनने का मौलिक अधिकार है| जेएनयू -एनएसयूआई तथाकथित हिंदू सेना द्वारा लगाए गए पोस्टरों और झंडों की कड़ी निंदा करता है| दिल्ली प्रशासन की मदद से हमने अपने विश्वविद्यालय के मेन गेट क्षेत्र से इन झंडों को हटा दिया|
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