‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म आने के बाद से कश्मीर घाटी से हिंदुओं के”नरसंहार” और “पलायन” का मुद्दा एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इसके लिए एक वर्ग जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख़्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को भी दोषी ठहरा रहा है।
फारूक अब्दुल्ला ने ऐसे आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि यदि उन्हें 1990 में हुए नरसंहार का दोषी पाया जाता है तो फिर देश में कहीं भी फांसी पर लटका दिया जाए, वह इसके लिए तैयार हैं।
अब्दुल्ला ने कहा, ‘सत्य बाहर आ जाएगा, यदि आप इसकी जांच के लिए किसी ईमानदार जज को नियुक्त करें और कमेटी बनाएं। आप जान जाएंगे कि इसके लिए कौन जिम्मेदार था। यही नहीं उन्होंने कहा, ‘यदि फारूक अब्दुल्ला दोषी पाया जाता है तो फिर वह देश में कहीं भी फांसी पर लटकने के लिए तैयार है। मैं इस ट्रायल के लिए तैयार हूं, लेकिन उन लोगों को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहिए, जिसका इससे लेना-देना नहीं रहा।’
कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को लेकर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं नहीं मानता कि इसके लिए मैं जिम्मेदार हूं। यदि लोग इस बारे में कड़वा सच जानना चाहते हैं तो फिर उन्हें उस दौर के आईबी चीफ से बात करनी होगी। इसके अलावा केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान से भी जानकारी ले सकते हैं, जो उस दौर में केंद्र सरकार में मंत्री थे।’
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि 1990 में जो हुआ, उसका सत्य सामने आना ही चाहिए और इसके लिए आयोग का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के अलावा सिखों और मुस्लिमों के साथ भी उस दौर में क्या हुआ, यह जानकारी सामने आनी चाहिए।