Sambhal Land Scam: 150 साल पुराने ‘उस’ कुएं के पास फर्जी वसीयत से बेचे गए 114 प्लॉट!

उत्तर प्रदेश के संभल में बड़ा जमीन घोटाला सामने आया है|

Sambhal Land Scam: 150 साल पुराने ‘उस’ कुएं के पास फर्जी वसीयत से बेचे गए 114 प्लॉट!

sambhal-land-scam-fake-will-used-to-sell-114-plots-near-chandausi-stepwell-investigation-underway

उत्तर प्रदेश के संभल में चंदौसी के लक्ष्मण गंज इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान 150 साल पुरानी सीढ़ीदार कुआं मिला। लेकिन अब इस कुएं के इलाके में जमीन घोटाला सामने आया है| खुलासा हुआ है कि यहां 114 प्लॉट फर्जी वसीयत के जरिए बेच दिए गए। ये भूखंड अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्तियों को बेचे गए हैं। जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में जानकारी दी कि अब इन भूखंडों के स्वामित्व की जांच पुलिस और खुफिया एजेंसियां कर रही हैं|

उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र शुरू में लक्ष्मी गंज का हिस्सा था लेकिन बाद में शहर का विकास हुआ और नई मुगलपुरा कॉलोनी का उदय हुआ। शुक्रवार को नोटिस जारी होने के बाद मोहम्मद यूसुफ सैफी की विधवा गुलनाज बी (54) को कुएं पर बना अपना घर खाली करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने आमना बेगम और उनके पति जहीरुद्दीन और अन्य के खिलाफ धमकी और धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है। चंदौसी पुलिस क्षेत्राधिकारी रेनू सिंह ने बताया है कि इस मामले में जांच चल रही है|

गुलनाज बी की ओर से दर्ज शिकायत के मुताबिक, उन्होंने 2016 में आमना बेगम से 103 वर्ग किलोमीटर का प्लॉट खरीदा था| उन्होंने घर बनाने के लिए प्रशासन से इजाजत भी ले ली थी, लेकिन शुक्रवार को उन्हें अपना घर खाली करना पड़ा|

एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) ने तीन हफ्ते पहले इस घर के पास कुएं की खुदाई शुरू की है। गुलनाज ने कहा कि वह आमना और उसके पति के पास गई लेकिन उन्होंने उनके परिवार वालों को धमकाया| संभल के कलेक्टर राजेंद्र पेंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई द्वारा कराए गए सर्वे में पता चला कि यह जमीन एएसआई द्वारा संरक्षित चंद्रेश्वर महादेव मंदिर की है। इस मंदिर के पास 89 बीघे जमीन थी।

लेकिन वर्तमान में मंदिर के कब्जे में मात्र 19 बीघा जमीन बची है। पता चला कि करीब 50 बीघे जमीन का गलत पट्टा किया गया है। इलाके में लगा एएसआई बोर्ड भी क्षतिग्रस्त हो गया है|बिश्नोई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उन्हें गुलनाज की शिकायत मिली है और तीन दिनों के भीतर जमीन के दस्तावेजों की जांच की जाएगी जिसके बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी। इस केस को ऐतिहासिक रिकॉर्ड के आधार पर सुलझाया जाएगा| चंद्रेश्वर महादेव मंदिर की 50 बीघे जमीन का लीज एग्रीमेंट रद्द होगा| उन्होंने यह भी कहा कि आगे की कार्रवाई की जा रही है|

कुएं के बारे में क्या है जानकारी?: 21 दिसंबर को अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान लक्ष्मणगंज इलाके में मिला यह कुआं 150 साल पुराना बताया जा रहा है। इसका निर्माण लगभग 400 वर्ग मीटर का है और इसमें तीन मंजिलें मिली हैं। इन तीन स्तरों में से एक संगमरमर का उपयोग करके बनाया गया है और दो ईंटों से बनाए गए हैं। इस भवन में चार कमरे और एक कुआँ मिला है।

एएसआई का अनुमान है कि इस कुएं में मिली सुरंग का इस्तेमाल ब्रिटिश शासन के दौरान 1857 के विद्रोह के दौरान भागने के रास्ते के रूप में किया गया था। इस कुएं की खोज के बाद सभी का ध्यान इस क्षेत्र की ओर गया है। इसके बाद संभल के जिला प्रशासन और एएसआई की देखरेख में इस इलाके में खुदाई चल रही है|

यह भी पढ़ें-

महाकुंभ 2025: ‘सारथी’ करेगा श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन; कुंभ के अनुभव को बनाएंगा सुविधाजनक और रोचक!

Exit mobile version