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Friday, September 20, 2024
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‘भ्रष्टाचार का पता-10 जनपथ रोड’, राफेल डील में घूस के आरोप पर पात्रा का वार 

फ्रांसीसी पत्रिका का दावा, 2002 और 2012 के बीच फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी ने सौदा हासिल करने में एक बिचौलिए की मदद ली 

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नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमानों के समझौते में घूस दिए जाने की रिपोर्ट आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह कमीशखोरी केवल कांग्रेस की सरकार में हुआ है। उन्होंने मुहावरा बोलते हुए कहा कि उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। उन्होंने कहा कि यह कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं है, क्योंकि INC का मतलब ही ‘आई नीड कमीशन’ है। उन्होंने कहा कि जब से कांग्रेस है तब से घोटाला हो रहा है।

उन्होंने रिपोर्ट के बारे कहा कि यह मामला 2007 और 2012 के बीच का है। जब कांग्रेस की सरकार थी। संबित पात्रा ने कहा कि जिस सुशेन गुप्ता नाम के बिचौलिए का नाम रिपोर्ट में सामने आया है, वो कोई नया खिलाड़ी नहीं है। सुशेन गुप्ता का नाम वीवीआईपी अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में भी कमीशन एजेंट के रूप में सामने आया चुका है। संबित पात्रा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, “राहुल गांधी भारत में नहीं हैं। इटली से वो जवाब दें कि इतने सालों तक कांग्रेस ने भ्रम फैलाने का काम किया है।

आज यह खुलासा हुआ है उन्हीं की सरकार के कालखंड में यह कमीशनखोरी हुई। ये बहुत दुखद है कि भारतीय वायुसेना को फाइटर एयरक्राफ्ट की जरूरत थी और 10 सालों तक इस विषय को पेंडिंग रखा गया, समझौता कर रहे थे और अब हम जान रहे हैं कि इतने सालों तक वे एयरक्राफ्ट को लेकर समझौते नहीं कर रहे थे, बल्कि वे कमीशन को लेकर समझौते कर रहे थे।” पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के काल में हमने लड़ाकू विमान खरीद के समझौते को पूरा होते तो देखा नहीं, लेकिन अब कमीशन लिए जाने का समझौता देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए के काल में हर डील के अंदर एक डील था।”

उन्होंने कहा कि कौन कहता है कि भ्रष्टाचार का ठिकाना नहीं होता है, भ्रष्टाचार का पता है- 10 जनपथ रोड। उन्होंने कहा कि कमीशन लेकर आप इटली चले गए और ट्वीट करते हैं कि कांग्रेस के साथियों लड़ते रहो। कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे विषय की विवेचना के बाद केंद्र सरकार को क्लीन चिट दिया था। पूरे मसले पर CAG की भी जो टिप्पणी रही है वो ये है कि मौजूदा सरकार ने जो डील किया, वो बेहतर है। आर्टिकल में सीबीआई के जिक्र पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता हूं।”

फ्रांसीसी पत्रिका ‘मीडियापार्ट’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि फ्रांसीसी विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने भारत से यह सौदा हासिल करने में मदद के लिए एक बिचौलिए को गोपनीय रूप से करीब 7.5 मिलियन यूरो (करीब 65 करोड़ रुपए) का भुगतान किया और दसाल्ट कंपनी को इस घूस की राशि देने में सक्षम बनाने के लिए कथित रूप से फर्जी बिलों का इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक, दसॉल्ट एविएशन ने 2007 और 2012 के बीच मॉरीशस में बिचौलिए को रिश्वत का भुगतान किया।

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