हमीरपुर में चंदन तस्कर बेखौफ, निजी जमीन से काट ले गए पेड़!

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में लगातार हो रही चंदन की लकड़ी की चोरी की घटनाओं से स्थानीय लोग दहशत में हैं।

हमीरपुर में चंदन तस्कर बेखौफ, निजी जमीन से काट ले गए पेड़!

Sandalwood-smugglers-are-fearless-in-Hamirpur-they-cut-trees-from-private-land!

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में चंदन तस्करों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते सप्ताह जहां चंदन के चार पेड़ों को काट ले जाने की घटनाएं सामने आई थीं, वहीं अब वार्ड नंबर 10 में एक और चंदन का पेड़ तस्करों द्वारा काटकर चुरा लिया गया।

यह घटना बुधवार देर रात करीब 1 बजे की बताई जा रही है। हमीरपुर में लगातार हो रही चंदन की लकड़ी की चोरी की घटनाओं से स्थानीय लोग दहशत में हैं।

इस बार तस्करों का शिकार बने हैं वार्ड नंबर 10 निवासी प्रदीप ठाकुर। उनका कहना है कि इस चंदन के पेड़ को उन्होंने 25 वर्ष पहले वानिकी कॉलेज नेरी से लाकर लगाया था और बच्चों की तरह इसकी देखरेख करते रहे।

गुरुवार सुबह जब उन्होंने पेड़ को कटा पाया तो वे स्तब्ध रह गए। प्रदीप ठाकुर ने तुरंत इस घटना की सूचना 112 नंबर पर देकर शिकायत दर्ज करवाई। उन्होंने आगे बताया कि आस-पड़ोस में अगर किसी को चंदन की लकड़ी की आवश्यकता होती थी, तो इसी पेड़ से चंदन की लकड़ी ली जाती थी।

स्थानीय निवासी तिलक राज ठाकुर ने बताया कि सालों पुराना एक पुराना चंदन का पेड़ चोरों ने बुधवार रात करीब 1:00 बजे काट लिया। शातिरों ने बड़ी चालाकी से 9 फुट का हिस्सा काटकर ले लिया, जिसकी किसी को भनक तक नहीं लगी।

उन्होंने आशंका जताई कि चोर कुछ दिन पहले ही पेड़ की रेकी कर चुके होंगे। उन्होंने आगे कहा कि पहले भी हमीरपुर शहर के एनआईटी और एक अन्य जगह पर चंदन के पेड़ काटे गए थे। अभी तक कोई भी शातिर वन विभाग की पकड़ में नहीं आया है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से मांग की है कि ऐसे अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए।

वहीं, हमीरपुर वन विभाग के डीएफओ अंकित सिंह ने पुष्टि की कि निजी भूमि से चंदन का पेड़ काटे जाने की सूचना मिली है। उन्होंने बताया कि पहले भी शहर के एनआईटी क्षेत्र और अन्य स्थानों पर ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई आरोपी पकड़ा नहीं गया। उन्होंने आगे कहा कि वनकर्मियों को रात्रिकालीन पेट्रोलिंग के निर्देश दिए गए हैं ताकि ऐसे गिरोहों को पकड़ा जा सके।

 
यह भी पढ़ें-

बिहार​: प्रदेश के 22 जिलों से फैलेगी पपीता की मिठास!

Exit mobile version