नहीं रहे संतूर को नई पहचान दिलाने वाले पंडित शिवकुमार शर्मा 

नहीं रहे संतूर को नई पहचान दिलाने वाले पंडित शिवकुमार शर्मा 

देश के मशहूर संगीतकार और संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन हो गया। 84 वर्ष के थे। मंगलवार को पंडितजी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। कोरोना काल में वे अपने घर से बहुत कम निकले थे। वे पिछले छह माह से किडनी की समस्या जूझ रहे थे और डायलिसिस पर थे। उनके निधन से फैन में मायूसी छाई गई। उनके निधन पर जानी मानी हस्तियों ने शोक जताया है।

पंडित शिवकुमार शर्मा ने संतूर वाद्य यंत्र को एक अलग ही पहचान दिलाई। यह वाद्ययंत्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खूब लोकप्रिय हुआ और यह पहचान पंडित शिवकुमार शर्मा ने संतूर को खास शैली में बजाकर किया। संतूर कश्मीर का पारंपरिक वाद्य यंत्र है। शिवकुमार शर्मा ने बॉलीवुड में भी अपने संगीत के माध्यम से एक अलग पहचान बनाई थी। पंडित शिवकुमार शर्मा और बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया के साथ मिलाकर उन्होंने कई फिल्मों में भी अपनी संगीत दिए थे। इस जोड़ी बॉलीवुड में कई  हिट गाने भी दिए हैं. जिसमें चांदनी फिल्म का मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं। इसके आलावा यह जोड़ी लम्हे, सिलसिला आदि फिल्मों में भी संगीत दिया था।

सबसे दुःख की बात यह कि 15 मई को यह जोड़ी एक बार फिर धमाल मचाने के लिए तैयार थी,लेकिन इससे पहले ही पंडित शिवकुमार शर्मा का जाना उनके चाहने वालों के लिए एक धक्का है। बता दें कि, पंडित शिवकुमार शर्मा का जन्म 13 जनवरी 1938 में जम्मू में हुआ था। वे 13 साल की उम्र से संतूर वादक बजाना सीखने लगे थे। उन्होंने 1955 में मुंबई में पहला कार्यक्रम किया था। उनके निधन पर नेताओं ने दुःख जताया है।

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