सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तर प्रदेश का सबसे चर्चित लखीमपुर खीरी मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बेल पर फैसला सुरक्षित रख लिया। यूपी सरकार की ओर से पेश सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने माना कि यह एक गंभीर अपराध है।
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देते हुए पूछा कि न्यायाधीश कैसे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर विस्तार से ध्यान दे सकता है?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आशीष की जमानत रद्द करने के मामले में एसआईटी की जांच की निगरानी कर रहे सेवानिवृत्त न्यायाधीश की दो रिपोर्ट पर 4 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया था। अदालत ने कहा था कि निगरानी न्यायाधीश ने मामले में आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
गौरतलब है कि गत तीन वर्ष पहले अक्टूबर माह में लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे| यह घटना उस समय हुई, जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, चार किसानों को एक एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठा थ। घटना के बाद गुस्साए किसानों ने चालक और भारतीय जनता पार्टी के दो कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी।
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