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Sunday, June 30, 2024
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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की तबियत बिगड़ी, दिल्ली एम्स में भर्ती!

पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है और यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। हालांकि, परिवार की ओर से उनकी बीमारी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

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भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को देर रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार ‘आडवाणी की हालत स्थिर है और वह चिकित्सकीय निगरानी में हैं।’ यह बात सामने आई है कि पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को एम्स के प्राइवेट वार्ड में भर्ती कराया गया है और यूरोलॉजी विभाग के डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं। हालांकि, परिवार की ओर से उनकी बीमारी के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म और स्कूली शिक्षा: लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था। उनके पिता का नाम डी. आडवाणी और माता का नाम ज्ञानी आडवाणी था। उन्होंने 25 फरवरी 1965 को कमला से शादी की। उनके दो बच्चे हैं, उनकी बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सेंट पैट्रिक स्कूल, कराची से पूरी की। विभाजन के बाद भारत आने पर आडवाणी ने मुंबई के सरकारी लॉ कॉलेज से कानून में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

आडवाणी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ: देशभक्ति की भावना के कारण लालकृष्ण आडवाणी का रुझान आरएसएस की ओर बढ़ा। साल 1947 में जब देश को आजादी मिली तो लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान में होने के कारण आजादी का जश्न नहीं मना सके​|​ देश के विभाजन के बाद वे कराची से दिल्ली आ गये और राजस्थान से संघ के लिये प्रचार करने लगे।​ उन्होंने लम्बे समय तक संघ प्रचारक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 1947 से 1951 तक कराची शाखा के सचिव के रूप में भरतपुर, अलवर, बूंदी, कोटा और झालावाड़ में आरएसएस के कार्यक्रम भी आयोजित किए।

लालकृष्ण आडवाणी का राजनीतिक सफर: लालकृष्ण आडवाणी के राजनीतिक करियर की बात करें तो साल 1951 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की। उस समय आडवाणी 1957 तक पार्टी सचिव थे। इसके बाद वह 1973 से 1977 तक जनसंघ के अध्यक्ष रहे। वर्ष 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ तो आडवाणी इसके संस्थापक सदस्य थे। आडवाणी 1980 से 1986 तक भाजपा के महासचिव रहे।

वह 1986 से 1991 तक ​भाजपा​ के अध्यक्ष रहे​|​ इसके बाद वह पांच बार लोकसभा और चार बार राज्यसभा के सदस्य रहे। 1977 से 1979 तक वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने। इस दौरान उनके पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार रहा।

अयोध्या रथ यात्रा के ‘नायक’: जब अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की मांग जोर पकड़ रही थी, तब लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली। इसी बीच बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आडवाणी को समस्तीपुर में गिरफ्तार कर लिया| इस घटना के बाद लालकृष्ण आडवाणी राजनीति में नायक के रूप में जाने जाने लगे।

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