पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ सोमवार (27 अक्तूबर) से तीन दिवसीय सऊदी अरब दौरे पर रवाना हो रहे हैं। यह वर्ष 2025 में उनका चौथा दौरा है। कुछ ही हफ्ते पहले उन्होंने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ पाकिस्तान-सऊदी पारस्परिक रक्षा समझौते (Mutual Defence Agreement) पर हस्ताक्षर किए थे।
शरीफ़ इस दौरान रियाद में आयोजित फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII9) के नौवें संस्करण में भाग लेंगे और उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। मंत्रालय के बयान में कहा गया, “प्रधानमंत्री अपने प्रवास के दौरान सऊदी नेतृत्व के साथ व्यापार, निवेश, ऊर्जा और मानव संसाधन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा करेंगे। इसके साथ ही क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।”
हाल के महीनों में पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच संबंधों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया है। सऊदी अरब न केवल पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहा है बल्कि इस्लामाबाद ने भी अपनी सैन्य प्रतिबद्धता को मज़बूत करते हुए समझौते के तहत 25,000 पाकिस्तानी सैनिक, दो वायुसेना स्क्वाड्रन, और दो नौसेना बेड़े सऊदी अरब में तैनात करने का निर्णय लिया है। इसके बदले सऊदी अरब ने पाकिस्तान की जर्जर अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए 10 अरब डॉलर के निवेश का वादा किया है। यह समझौता ऊर्जा, बुनियादी ढाँचा, खनन और सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों को कवर करता है।
कुछ ही सप्ताह पहले एक सऊदी प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान पहुंचा था, जहाँ कई अहम आर्थिक समझौते किए गए। 8 अक्टूबर को प्रधानमंत्री आवास में शहबाज़ शरीफ़ ने सऊदी प्रतिनिधिमंडल की मेज़बानी की। इस दौरान सऊदी शहज़ादा मंसूर बिन मोहम्मद ने पाकिस्तान की प्रमुख ऊर्जा कंपनी के-इलेक्ट्रिक में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ शरीफ़ ने हाल ही में राज्य में “स्पेशल सऊदी इंडस्ट्रियल एस्टेट” की घोषणा की, जिसे टैक्स-फ्री क्षेत्र बनाया जाएगा ताकि सऊदी निवेश को आकर्षित किया जा सके और दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिले।
रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब ने पाकिस्तान में 10 अरब डॉलर के निवेश के अलावा, दोनों देशों के बीच वार्षिक व्यापार को 5 अरब डॉलर से बढ़ाकर 15 अरब डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। ये निवेश पाकिस्तान को भविष्य में आर्थिक अस्थिरता से बचाने और दीर्घकालिक साझेदारी को सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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