मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने गुरुवार को वीडियो बयान में कहा कि हमें संविधान ने इस बात की इजाजत दी है कि कानून के दायरे में रहकर कोई भी संगठन या कोई भी व्यक्ति जलसा, जुलूस, जागरण आदि कर सकता है।
मौलाना ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद ने पूरे भारत में श्रीराम महोत्सव मनाने की घोषणा की है। चाहे विश्व हिंदू परिषद हो या कोई मुस्लिम संगठन, संविधान ने सभी को आजादी दी है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि सभी कार्यक्रम कानून के दायरे में हों और हिंदू-मुस्लिम टकराव वाले न हों।”
उन्होंने कहा कि अभी कुछ दिन पहले नागपुर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के जुलूस निकालने पर, पुतला जलाने पर फसाद हो गया था। इस हिंसा में लोगों का बहुत नुकसान हुआ। ऐसे कार्यक्रम नहीं होने चाहिए जो हिंसात्मक हों। इस तरह के कार्यक्रम पर सरकार नजर रखे और इजाजत न दे।
बता दें कि वीएचपी ने रामनवमी और हनुमान जयंती सहित अपने राष्ट्रव्यापी समारोह ‘श्रीराम महोत्सव’ मनाने की घोषणा की है। राष्ट्रव्यापी समारोह ‘श्रीराम महोत्सव’ 30 मार्च 2025 से शुरू होगा और पूरे 15 दिनों के दौरान देश भर में सैकड़ों स्थानों पर श्रीराम महोत्सव के दौरान जुलूस और धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
वीएचपी प्रवक्ता विनोद बंसल ने बुधवार शाम को एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के द्वारा रामनवमी व हनुमान जन्मोत्सव के अतिरिक्त श्रीराम महोत्सव के पूरे 15 दिनों में देश भर में सैकड़ों स्थानों पर शोभायात्राएं और धार्मिक, सामाजिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
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