राज्यसभा सदस्य विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली शिक्षा पर बनी एक संसदीय समिति ने पाठ्यपुस्तकों में सिखों और मराठा नायकों को उचित सम्मान देने की सिफारिश की है।सिफारिश में कहा गया कि सिख और मराठा नायकों का पुस्तकों में ठीक तरह से चित्रण किया जाए। सिफारिश में कहा गया है कि कई महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास में उचित सम्मान नहीं मिला है। पाठ्यपुस्तकों में ठीक तरह से गलत चित्रण किया गया है। इस रिपोर्ट को मंगलवार को संसद में पेश किया गया।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में यह भी रेखांकित की है कि अंग्रेजो ने विज्ञान, दर्शनशास्त्र, गणित, अध्यात्म आदि विषयों में भारतीय योगदान को कमतर आंका गया है। रिपोर्ट में कहा गया है एनसीईआरटी की पुस्तकों में भारत की महान महिला नेत्रियों की भूमिका को रेखांकित कर रही है। जो एक अच्छी पहल है।
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