दीपिका चिखलिया वह अभिनेत्री हैं जिन्होंने धारावाहिक रामायण में सीता की भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने किरदार में सीता के किरदार को अमर बना दिया है| सीता ने कहा कि आज भी उनका चेहरा आंखों के सामने आ जाता है| उन्हें राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है| इस मौके पर दीपिका चिखलिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राम मंदिर को लेकर खास अनुरोध किया है|
22 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन है: 22 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन है| यह दिन आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि 500 साल बाद प्रभुरामचंद्र अयोध्या आ रहे हैं|आपके घर आ रहा हूँ. मैं धन्य हूँ। भगवान रामचन्द्र में मेरी गहरी आस्था है। मैं सीता की भूमिका निभाकर खुद को भाग्यशाली महसूस करती हूं। 22 जनवरी मेरे लिए ऐतिहासिक और भावनात्मक दिन है| दीपिका चिखलिया ने कहा है कि यह सभी भारतीयों के लिए गौरव का क्षण होगा|
मैंने नहीं सोचा था कि मुझे निमंत्रण मिलेगा: मैंने नहीं सोचा था कि मुझे राम मंदिर समारोह में निमंत्रण मिलेगा। मुझे टीम ऑफिस से फोन आया| उन्होंने मुझसे कहा कि तुम हमारे लिए सीता हो| सारा संसार तुम्हें सीता के नाम से जानता है। अतः हमारा निमंत्रण स्वीकार करें।तब मैं बहुत खुश था| मैंने उनसे वापस पूछा कि क्या आपको लगता है कि मैं सीता हूं? उन्होंने कहा, हां, हमें इसमें कोई संदेह नहीं है| दीपिका ने यह भी कहा है कि उस वक्त निमंत्रण पाकर मैं बहुत खुश हुई थी|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मेरा अनुरोध…: इसके बाद दीपिका चिखलिया ने कहा, ”अयोध्या में राम मंदिर में राम की मूर्ति होगी, सीता की नहीं। जब मुझे इस बात का एहसास हुआ तो मुझे दुख हुआ| मुझे हमेशा लगता है कि अगर राम मंदिर खड़ा होगा तो वहां राम और सीता की मूर्तियां भी होंगी, लेकिन मुझे बहुत अफ़सोस है कि ऐसा नहीं है| मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करना चाहूंगा कि राम की मूर्ति के साथ सीता की भी मूर्ति होनी चाहिए|
वहां एक जगह होनी चाहिए जहां राम और सीता की मूर्तियां बैठेंगी| मैं आपसे करबद्ध प्रार्थना करता हूं कि भगवान रामचन्द्र की मूर्ति को अकेले न रखें। मैं जानता हूं कि अयोध्या में राम को रामलला यानी बाल रूप में पूजा जाता है,लेकिन अगर राम की मूर्ति के साथ सीतामाता होंगी तो मेरे सहित सभी महिलाएं बहुत खुश होंगी। ये बात दीपिका चिखलिया ने कही है|
यह भी पढ़ें-
राम मंदिर: न्याय, सत्य और करुणा का प्रतीक