पिछले दिनों खबर आई थी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने गुजरात के बेट द्वारका पर अपना मालिकाना हक़ जताया है। लेकिन, अब इस मामले ने एक नया मोड़ ले लिया है। बताया जा रहा है कि संबंधित याचिका में कृष्णनगरी का उल्लेख करने से यह भरम पैदा हुआ। आगे कहा गया है कि वह जगह नहीं है, जिस पर दावा किया गया। वह स्थान शियाल बेट है। इतना ही नहीं खबर के अनुसार कहा गया है याचिकाकर्ता सुन्नी वक्फ बोर्ड नहीं बल्कि एक निजी सुन्नी ट्रस्ट है।
इस संबंध में गुजरात की बीजेपी सांसद पूनमबेन मदान ने एक बातचीत में बताया कि, वह इस संबंध में कानून मंत्री से बात की थी। उनके अनुसार, गुजरात हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कृष्ण नगरी का जिक्र किया था,इसलिए यह भ्रम पैदा हुआ। वह जगह बेट द्वारका नहीं है, बल्कि शियाल बेट है।
बता दें कि पिछले दिनों गुजरात के दिव्य भास्कर की एक खबर में कहा गए था कि वक्फ बोर्ड ने बेट द्बारका पर अपना मालिकाना हक़ का दावा किया है और इस संबंध में गुजरात हाई कोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी, जिस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने अपनी अहसमति व्यक्त की थी, साथ ही याचिका में संशोधन करने को भी कहा था।
गौरतलब है कि जिस पर निजी सुन्नी ट्रस्ट ने दावा कि है वह जगह शियाल बेट है। यह जगह गुजरात में अमरेली तट से दूर एक द्वीप है। यहां की आबादी 5000 से ज्यादा है। वहीं यहां 2016 में बिजली पहुंची। बताया जाता है कि इस द्वीप पर एक पीर का मकबरा है। इसी के लिए याचिकाकर्ता ने दावा किया था।
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