सुप्रीम कोर्ट ने महिला अनुयायी से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम बापू को स्वास्थ्य आधार पर जमानत दे दी है। 85 वर्षीय आसाराम बापू को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी गई है, लेकिन इस दौरान वह अनुयायियों से नहीं मिल सकेंगे| फिलहाल उनका इलाज जोधपुर के आरोग्य मेडिकल सेंटर में चल रहा है| वह जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है।
आसाराम बापू को दिल की बीमारी है| इससे पहले उन्हें दिल का दौरा पड़ा था| सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत देते समय पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है| ताकि उन पर नजर रखी जा सके|आसाराम बापू को 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिन की पैरोल दी थी| 1 जनवरी को जोधपुर जेल लौटने के बाद उन्हें एक बार फिर अंतरिम जमानत मिल गई है| पिछले साल अगस्त में, राजस्थान उच्च न्यायालय ने उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए सात दिन की पैरोल दी थी।
आसाराम बापू के नाम से मशहूर आसुमल हरपलानी को फरवरी 2023 में गांधीनगर सत्र न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। यह सजा रेप के एक मामले में सुनाई गई| कोर्ट के इस फैसले से एक समय देश के ताकतवर शख्स रहे आसाराम बापू की शामत आ गई| बलात्कार के मामले में आसाराम बापू की यह दूसरी सजा थी। इससे पहले, अप्रैल 2018 में, उन्हें राजस्थान के जोधपुर के एक आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार का दोषी ठहराया गया था। 2013 में आसाराम बापू के खिलाफ जोधपुर और गांधीनगर में रेप के दो मामले दर्ज किए गए थे|
बलात्कार के मामले दर्ज होने से पहले, आसाराम बापू एक लोकप्रिय धार्मिक नेता थे। 1970 के दशक में उन्होंने अहमदाबाद में साबरमती नदी के तट पर अपना पहला आश्रम शुरू किया। इसके बाद आसाराम बापू ने देशभर में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। उनके आश्रम के विभिन्न उत्पादों और आध्यात्मिक सामग्रियों की देशभर में भारी मांग थी। कहा जाता है कि उनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में है।
राजनीतिक गलियारों में भी आसाराम बापू के कई अनुयायी थे| जब आसाराम बापू की लोकप्रियता अपने चरम पर थी तब उनके साथ देखे गए कुछ राजनीतिक नेताओं में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ और दिग्विजय सिंह शामिल हैं।
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