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Saturday, November 23, 2024
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SC on Bulldozer Justice: अतिक्रमण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, ‘मंदिर हो या दरगाह, तोड़ दो…!’

अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई सभी नागरिकों के लिए समान होगी, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

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सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट राय व्यक्त की कि नागरिकों के हित सर्वोपरि हैं और यदि सड़कों, रेलवे पटरियों और जल निकायों पर अवैध अतिक्रमण है, तो उन्हें ध्वस्त किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई सभी नागरिकों के लिए समान होगी, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो।

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी कि विभिन्न अपराधों के दोषियों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई की जा रही है, इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्देश दिया| यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट फुटपाथ पर किसी भी तरह के अतिक्रमण का समर्थन नहीं करेगा|

मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने हुई। लेना गवई ने कहा कि जहां सार्वजनिक सुरक्षा का सवाल है, सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण हटाया जाना चाहिए। जनता की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए| इसे भी ले लो| विश्वनाथन ने कहा कि सवाल तब उठ सकते हैं जब अतिक्रमित स्थल पर दो संरचनाएं हों और उनमें से केवल एक के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

याचिका पर जवाब देने के लिए महाधिवक्ता तुषार मेहता तीन राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। क्या किसी अपराधी की संपत्ति को बुलडोजर से जमींदोज किया जा रहा है न्याय? कोर्ट ने मेहता से पूछा| इस पर मेहता ने कहा, किसी अपराधी की संपत्ति पर बुलडोजर नहीं चलाया गया है| रेप जैसे जघन्य अपराध के आरोपियों के घर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई| हालाँकि, स्थानीय स्वराज संस्था और नगर निगम के पास सुधारात्मक कार्रवाई करने के लिए अलग-अलग नियम हैं।

इस पर कोर्ट ने सुझाव दिया कि इस कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए संबंधित सिस्टम को फैसले की सूचना ऑनलाइन पोर्टल पर पोस्ट करनी चाहिए|साथ ही 17 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1 अक्टूबर तक किसी की संपत्ति पर बुलडोजर नहीं चलेगा, चाहे वह अपराधी हों या कोई और यदि किसी संपत्ति पर अवैध रूप से बुलडोजर चलाया जाता है तो यह भारत के संविधान के विरुद्ध कार्य होगा।

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