मुकेश अंबानी ने हाल ही में दुनिया के सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल कर गौतम अडानी को पीछे छोड़ दिया है। तो जाहिर है कि मुकेश अंबानी देश के एक अहम शख्सियत हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा का मुद्दा भी उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी पृष्ठभूमि में त्रिपुरा उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली एक याचिका की सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में महत्वपूर्ण आदेश पारित किए हैं। तदनुसार, अदालत ने निर्देश दिया है कि मुकेश अंबानी को न केवल महाराष्ट्र या भारत में, बल्कि दुनिया भर में उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।
त्रिपुरा हाई कोर्ट ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय को मुकेश अंबानी, उनकी पत्नी नीता अंबानी और उनके तीन बच्चों आकाश, अनंत और ईशा को धमकियों के मामले में मूल दस्तावेज और सबूत पेश करने का निर्देश दिया था। इस मामले में केंद्र की तरफ से विशेष अवकाश याचिका भी दायर की गई थी। तदनुसार, अदालत ने इस संबंध में अंतिम आदेश जारी किया है, त्रिपुरा उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में मामले का निस्तारण किया है।
कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुकेश अंबानी और उनके परिवार को देश में उच्चतम स्तर की सुरक्षा यानी Z+ सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके अलावा, अदालत ने निर्देश दिया है कि यह सुरक्षा केवल मुंबई तक ही सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि पूरे भारत और दुनिया भर में प्रदान की जानी चाहिए। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि जहां मुंबई और महाराष्ट्र में सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी, वहीं पूरे भारत और दुनिया में अंबानी परिवार कहीं भी जाए, सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय का होगा।
बता दें कि केवल मुंबई को सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी कम खर्चीली है, दुनिया भर में उच्चतम स्तर की सुरक्षा प्रदान करने की लागत अधिक है। हालांकि, कोर्ट ने कहा है कि यह खर्च अंबानी परिवार वहन करेगा। लिहाजा अब यह साफ हो गया है कि वह उनकी सुरक्षा का पूरा खर्च उठाएगे।
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