अडानी समूह वैल्युएबल ब्रांड मामले में देश की नंबर 1 कंपनी थी, लेकिन हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से उसका वैल्यूएशन गिरता चला गया। कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आने के बाद वो टाटा और रिलायंस से पिछड़ गई। वहीं देश की मोस्ट वैल्यूएशन वाली कंपनियों में टाटा, रिलायंस और अडानी के अलावा बजाज, आदित्य बिड़ला, महिंद्रा, ओपी जिंदल, वेदांता जैसे ब्रांड शामिल है।
टाटा ग्रुप को लेकर आम जनता में काफी विश्वास है। जमीन से लेकर आसमान तक टाटा का राज है। खाने के नमक से लेकर सड़क पर टाटा की गाड़ियों तक, आसमान में एयर इंडिया ,टेक, फाइनेंस, हाउसिंग जैसे सेक्टर में टाटा की मौजूदगी है। टाटा के इसी भरोसे ने उसे देश की मोस्ट वैल्युएबल ब्रांड बनाया है। बाजार मूल्य के मामले में टाटा देश की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है।
वहीं इससे पहले 16 सितंबर, 2022 को जब अडानी ने अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी का अधिग्रहण किया था वो टाटा को पछाड़ते हुए देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई थी। हालांकि अडानी इस ताज को केवल दो महीने संभाल पाए। नवंबर, 2022 को टाटा समूह ने फिर से टॉप पोजिशन हासिल कर ली।
अडानी के शेयरों में गिरावट के कारण अडानी का मार्केट कैप गिरता चला गया है। हालांकि 25 जनवरी को टाटा और रिलायंस के मार्केट वैल्यू में क्रमश: 2% और 4% की गिरावट आई, लेकिन अडानी को 51% से अधिक का नुकसान हुआ है। वहीं शुक्रवार तक टाटा ग्रुप का बाजार मूल्य 21.1 लाख करोड़ रुपए था और मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लगभग 16 लाख करोड़ रुपए और अडानी का 9.29 लाख करोड़ रुपये था।
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