महाराष्ट्र के वीरों को स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

वीर सावरकर जयंती के दिन सरकार ने वीर सावरकर गौरव दिन मनाने का फैसला किया है।

महाराष्ट्र के वीरों को स्वातंत्र्यवीर सावरकर शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा

BJP will hold 'Savarkar Samman rally' in Sambhajinagar on the day of meeting of Mahavikas Aghadi

महाराष्ट्र सरकार के सांस्कृतिक विभाग ने स्वतंत्रता सेनानी सावरकर के नाम पर अतुलनीय वीरता प्रदर्शित करने वाले महाराष्ट्र के वीर सपूतों को पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वतंत्रता सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर पुरस्कार की घोषणा की। ऐसे वीरों को स्वतंत्रता सेनानी सावरकर शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।

राज्य सरकार की ओर से सांस्कृतिक विभाग की ओर से स्वतंत्रता सेनानी सावरकर राष्ट्रीय स्मारक पर शताब्दी खोजकर्ताओं के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उस समय यह घोषणा की थी। उस समय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर, खासदार राहुल शेवाले, स्वतंत्रता वीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्यकारी अध्यक्ष रंजीत सावरकर, संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव विकास खड़गे मौजूद थे। 

महाराष्ट्र सरकार ने भी स्वतंत्रता नायक सावरकर की जयंती 28 मई को गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इसके तहत राज्य के स्कूलों में स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, उनके बलिदान और उनकी प्रखर देशभक्ति पर आधारित विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि कुछ लोग जानबूझकर स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान करते हैं। वास्तव में, सावरकर ने अपने आजीवन कारावास के दौरान अत्यधिक कष्टों को सहन किया, मृत्यु तक यातनाएँ झेलीं लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी देशभक्ति से कभी समझौता नहीं किया।

सावरकर को दो बार आजीवन कारावास की सजा हुई। इसका अर्थ है कि अंग्रेज उनसे डरते थे। देश को आजाद हुए 75 साल हो चुके हैं और स्वतंत्रता सेनानियों की शहादत को भले ही 57 साल हो गए हों, लेकिन विपक्ष आज भी उनसे खौफ खाता है। क्योंकि डर है कि अगर सावरकर के विचार लोगों तक पहुंचे तो हमारी असलियत बाहर जाएगी। 

वहीं महाराष्ट्र सरकार ने सावरकर जयंती के मौके पर बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घोषणा करते हुए कहा कि अब बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक वीर सावरकर के नाम से जाना जाएगा। अभी यह सी लिंक केवल 7 प्रतिशत ही बना है जबकि इसका निर्माण 2018 से चल रहा है। सी लिंक के बन जाने से बांद्रा से वर्सोवा के बीच की दूरी 20 से 25 मिनट में तय की जा सकेगी। फिलहाल डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है। 8 लेन वाले सी लिंक के निर्माण पर कुल 11 हजार 332 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लगभग 17 किलोमीटर लंबेा सी लिंक बांद्रा के कार्टर रोड, जुहू से होते हुए वर्सोवा तक पहुंचेगा।

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