वाराणसी। मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकारियों ने साइनबोर्ड को स्टेशन के नए नाम से बनारस के रूप में बदल दिया है। 64 साल पुराना इतिहास दोहराया गया है। एनईआर के मंडल रेल प्रबंधक (वाराणसी) विजय कुमार पंजियार ने कहा, मंडुआडीह का नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन करने के लिए रेलवे बोर्ड की अंतिम मंजूरी मिल गई। इसके बाद साइन बोर्ड बदलने का काम शुरू हो गया। नए साइन बोर्ड में स्टेशन का नाम हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू और संस्कृत में भी है।’ ब्रिटिश काल के दौरान भारत में रेल सेवा की शुरुआत हुई थी। बंगाल से पूर्वोत्तर रेलवे के विस्तार के तहत वाराणसी में रेलवे स्टेशन बना और इसका नाम बनारस कैंट रखा गया था। यूपी के दूसरे मुख्यमंत्री संपूर्णानंद ने बनारस जिले का नाम बदलकर वाराणसी किया था।
वहीं 24 मई 1956 को को बनारस कैंट रेलवे स्टेशन का नाम भी बदलकर उन्होंने वाराणसी जंक्शन कर दिया था। एनईआर के अधिकारियों के अनुसार, इस रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की प्रक्रिया फरवरी 2019 में पूर्व रेल राज्यमंत्री और अब जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुरू की थी। उसी साल योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और इसे गृह मंत्रालय को भेज दिया। 16 सितंबर 2020 को राज्यपाल द्वारा मंडुआडीह रेलवे स्टेशन का औपचारिक नाम बदलकर बनारस रेलवे स्टेशन करने पर मुहर लगी थी। 31 मार्च 2020 को भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से दी गई एनओसी के मद्देनजर यह प्रक्रिया आगे बढ़ी थी।