26 C
Mumbai
Thursday, November 13, 2025
होमदेश दुनियारुद्रप्रयाग पहुंची श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा, लगे जयकारे!

रुद्रप्रयाग पहुंची श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा, लगे जयकारे!

इस यात्रा का जुड़ाव गुरु आदि शंकराचार्य की दिग्विजय यात्रा से है। कहा जाता है कि सदियों पहले मठ-मंदिरों पर बहुत अत्याचार हुआ था और धर्म की हानि हुई थी। 

Google News Follow

Related

पहाड़ी क्षेत्रों में मौसम का रुख बदल चुका है। पहाड़ी इलाकों में कहीं बारिश तो कहीं सीजन से पहले ही बर्फबारी देखी जा रही है। बर्फबारी के साथ केदारनाथ और रुद्रप्रयाग में भक्ति का अलग ही रूप देखने को मिल रहा है।

आदि गुरु शंकराचार्य की परंपरा को जारी रखते हुए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा रुद्रप्रयाग पहुंच गई है। यात्रा में “हर हर महादेव” के जयकारे लग रहे हैं और हर कोई बाबा की भक्ति में लीन दिख रहा है।

यह यात्रा सतानम धर्म और आस्था का प्रतीक है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में धर्म की पुनर्स्थापना है और पर्यटन को बढ़ावा देना भी है। इस यात्रा का जुड़ाव गुरु आदि शंकराचार्य की दिग्विजय यात्रा से है। कहा जाता है कि सदियों पहले मठ-मंदिरों पर बहुत अत्याचार हुआ था और धर्म की हानि हुई थी।

इतना ही नहीं, भगवान बद्रीनाथ जी की मूर्ति को नारद कुंद में फेंक दिया गया था। बढ़ते अत्याचार को देखते हुए आदि गुरु शंकराचार्य ने धर्म की स्थापना करने के लिए धार्मिक यात्रा निकाली थी और लोगों को अपने धर्म के प्रति जागरुक किया।

इस यात्रा को दिग्विजय यात्रा का नाम दिया गया। तब से लेकर आज तक जूना अखाड़ा हर वर्ष चारों धामों के मार्ग से यह छड़ी यात्रा निकालता है।

श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की छड़ी यात्रा पहले कोटेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन करेगी और फिर बाबा केदारनाथ के मंदिर जाएगी, जिसके बाद गंगोत्री और यमुनोत्री के भी दर्शन करेगी।

जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर वीरेंद्र महाराज ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यात्रा धर्म और संस्कृति के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी देती है। इस यात्रा का लक्ष्य गुरु आदि शंकराचार्य की परंपरा को जारी रखना भी है। भले ही उनका जन्म केरल में हुआ, लेकिन हर संत और आचार्य के लिए उत्तराखंड की तपोभूमि जन्म और कर्म भूमि दोनों है।”

उन्होंने आगे कहा कि ये यात्रा हमारी संस्कृति का भी प्रतीक है। हिमालय को कैसे बचाया जाए, प्रकृति को कैसे बचाया जाए, और वृक्षारोपण किया जाए, ये मुद्दे हमारी देवभूमि उत्तराखंड के लिए जरूरी हैं।

वहीं रुद्रप्रयाग के विधायक भरत सिंह चौधरी ने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा की पवित्र छड़ी यात्रा का स्वागत फूल मालाओं से किया और खुद उसके साथ यात्रा का हिस्सा भी बने।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि ये यात्रा देवभूमि की सांस्कृतिक पहचान और सनातन परंपरा की जीवंत मिसाल है। आज हमने रुद्रप्रयाग की जनता की तरह से साधू-संतों का अभिनंदन किया है और इस परंपरा को कायम रखने के लिए हम सभी संतों का आभार व्यक्त करते हैं।

बता दें कि यह 32 दिन तक चलती है, जिसमें यात्रा उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ से होकर आदि कैलाश ओम पर्वत की तरफ जाती है।

यह भी पढ़ें- 

जैश-ए-मोहम्मद ने बनाई महिला ब्रिगेड, सादिया अजहर बनी कमांडर!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,780फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
281,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें