चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ”तानाशाही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरें?”

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई.सोशल मीडिया पर चंद्रचूड़ के नाम से एक मैसेज तेजी से घूम रहा है| इस मैसेज के जरिए लोगों से सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने को कहा गया है| इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर वायरल हो रही ये पोस्ट फर्जी है|

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ”तानाशाही सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरें?”

Chief Justice Chandrachud said, "Take to the streets against the dictatorial government?" The Supreme Court said..!

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई.सोशल मीडिया पर चंद्रचूड़ के नाम से एक मैसेज तेजी से घूम रहा है| इस मैसेज के जरिए लोगों से सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने को कहा गया है| इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि सुप्रीम कोर्ट के नाम पर वायरल हो रही ये पोस्ट फर्जी है| कोर्ट का कहना है कि यह पोस्ट गलत इरादे से फैलाया जा रहा है| यह पोस्ट भारतीय लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट जिंदाबाद (भारतीय लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट की जीत) कैप्शन के साथ वायरल हो रहा है।
इस सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया है कि हम (सुप्रीम कोर्ट- चीफ जस्टिस) अपनी तरफ से भारत के संविधान, भारत के लोकतंत्र को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, इसमें आपका (जनता का) सहयोग बहुत जरूरी है|’ सभी लोगों को संगठित होकर सड़कों पर उतरना होगा और सरकार से अपने अधिकारों के बारे में पूछना होगा| साथ ही इस मैसेज में आगे कहा गया है कि ये तानाशाही सरकार आपको (लोगों को) डराएगी, धमकियां देगी, लेकिन आपको डरने की जरूरत नहीं है| आप अपना विश्वास बनाए रखें और सरकार को जिम्मेदार ठहराएं, मैं (मुख्य न्यायाधीश) आपके साथ हूं।
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क कार्यालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति (प्रेस नोट) जारी की है| इस बयान में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारे (सुप्रीम कोर्ट) संज्ञान में आया है कि एक सोशल मीडिया पोस्ट इस वक्त वायरल हो रहा है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने लोगों से सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है| इसके लिए फ़ाइल फ़ोटो इंसर्ट का उपयोग किया जाता है|
साथ ही, यह उद्धरण (भाषण) भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ के नाम पर उनकी तस्वीर का उपयोग करके प्रसारित किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही ये पोस्ट फर्जी है|इसके पीछे कोई गलत मकसद है और किसी ने शरारतपूर्ण तरीके से ऐसा किया है।’ भारत के मुख्य न्यायाधीश ने ऐसी कोई पोस्ट साझा नहीं की है, या कहीं भी ऐसा कोई बयान नहीं दिया है, इस संबंध में उचित कार्रवाई की जा रही है।
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