नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर से पहले अगले सप्ताह ट्रायल में शामिल 2-6 साल के बच्चों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाएगी। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि 6 से 12 साल के बच्चों को दिल्ली AIIMS में को वैक्सीन की दूसरी डोज पहले ही दी जा चुकी है। बताया जा रहा है कि यह ट्रायल तीन भागों में किया जा रहा है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल एज ग्रुप के 175-175 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। दूसरी डोज पूरा होने के बाद अगस्त के अंत तक ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट आ सकती।
तीसरी लहर को हुए बच्चों पर कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल जारी है। इससे पहले AIIMS के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा था कि बच्चों के लिए वैक्सीन सितंबर तक उपलब्ध होने की संभावना है। केंद्र सरकार ने 16 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में बताया था कि 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोविड वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल खत्म होने की कगार पर है। यह ट्रायल तीन हिस्सों में किया जा रहा है और इसके तहत 12-18, 6-12 और 2-6 साल एज ग्रुप के 175-175 बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। दूसरी डोज पूरा होने के बाद अगस्त के अंत तक ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट आने की संभावना है।
अंतरिम रिपोर्ट से यह साफ होगा कि बच्चों के लिए वैक्सीन कितनी सुरक्षित है। परीक्षण के दौरान वैक्सीन की दो डोज मांसपेशियों में दी जा रही है, जिनमें से दूसरी खुराक पहली डोज लगने के 28वें दिन दी जा रही है। एम्स दिल्ली में 7 जून को बच्चों पर ट्रायल शुरू किया गया था। सबसे पहले यह ट्रायल 12 से 18 साल के बच्चों पर किया गया था। बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल सिर्फ भारत बायोटेक के अलावा एक और भारतीय फार्मा कंपनी जायडस कैडिला भी कर रही है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 मई को दो से 18 साल एज ग्रुप के बच्चों में भारत बायोटेक के को वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी दी थी। बच्चों के वैक्सीनेशन ट्रायल में कई खास सावधानियां बरती जा रही हैं। इसलिए ट्रायल के दौरान पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। बच्चों और उनके माता-पिता से सहमति पत्र लिया जा रहा है।
इसके साथ ही नर्सिंग स्टाफ का नंबर भी दिया जा रहा है, जिससे कि किसी भी तरह की परेशानी होने से तुरंत संपर्क किया जा सके जिन बच्चों को ट्रायल के लिए चुना गया, पहले उनकी शारीरिक फिटनेस की भी जांच की गई थी। भारत बायोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर को वैक्सीन का निर्माण किया है और यह फिलहाल 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को दी जा रही है। केंद्र सरकार ने पिछले महीने चेताया था कि कोविड-19 ने भले ही अब तक बच्चों में गंभीर रूप अख्तियार न किया हो लेकिन वायरस के व्यवहार या महामारी विज्ञान की गतिशीलता में अगर बदलाव हुआ तो बच्चों में इसका प्रभाव बढ़ सकता है।