अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए सैन्य संघर्ष को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। व्हाइट हाउस में रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक रात्रिभोज के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत-पाक संघर्ष के दौरान चार से पांच लड़ाकू विमान आसमान से गिराए गए थे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये विमान भारत के थे या पाकिस्तान के। ट्रंप ने कहा, “वास्तव में, विमान आसमान से गिराए जा रहे थे। चार या पांच नहीं, बल्कि पांच विमान। मुझे लगता है कि पांच जेट्स गिराए गए थे।”
मई 10 को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम पर सहमति बनने के कुछ ही दिन बाद, एयर मार्शल ए.के. भारती ने कहा था कि भारत ने कई “हाई-टेक पाकिस्तानी फाइटर जेट्स” को मार गिराया था। हालांकि उन्होंने भी किसी संख्या का खुलासा नहीं किया था।
Trump says "We stopped a lot of wars… India-Pakistan was serious… Jets were being shot down, 5 actually.”
Classic Trump: Vague, Boastful, & Factually Shaky. Doesn't name any country amplifies the propaganda of RAFALES Down
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) July 19, 2025
पाकिस्तान की ओर से इन दावों को खारिज करते हुए केवल एक पाकिस्तानी वायुसेना के विमान को “हल्का नुकसान” पहुंचने की बात कही गई थी। उल्टा पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने भारत के छह फाइटर जेट्स (जिसमें राफेल भी शामिल हैं) को मार गिराया है। भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि भले ही कुछ जेट्स संघर्ष के शुरुआती दौर में डाउन हुए हों, लेकिन भारतीय सेना ने अपनी गलतियों से सीखते हुए जल्दी ही जवाबी कार्रवाई की।
जनरल चौहान ने कहा, “यह जरूरी नहीं कि कितने जेट गिरे, बल्कि यह समझना जरूरी है कि क्यों गिरे, क्या गलतियां हुईं — असल मुद्दा वही है। संख्या मायने नहीं रखती।” उसी कार्यक्रम में ट्रंप ने फिर यह दावा दोहराया कि उनकी सरकार ने भारत और पाकिस्तान के बीच बड़ा युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच तनाव को “ट्रेड” के माध्यम से शांत किया।
ट्रंप ने कहा, “हमने कई युद्ध रोके। और ये गंभीर युद्ध थे। भारत और पाकिस्तान एक-दूसरे पर वार कर रहे थे, स्थिति बिगड़ रही थी, लेकिन हमने उसे ‘ट्रेड’ से सुलझा दिया।” हालांकि, भारत सरकार पहले ही यह स्पष्ट कर चुकी है कि अमेरिका की इस संघर्ष विराम में कोई भूमिका नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं ट्रंप से फोन पर बात करते हुए कहा था कि संघर्ष के दौरान न तो कोई अमेरिकी मध्यस्थता हुई और न ही व्यापार को लेकर कोई चर्चा हुई थी।
ट्रंप के ताजा दावों से दीखता है की अमेरिका अपने प्रभाव को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करता दिख रहा है, जबकि भारत अपनी स्वायत्त विदेश नीति और रणनीतिक निर्णयों पर कायम है।
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