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Saturday, December 6, 2025
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ट्रंप के टैक्स का असर: क्या अब महंगा होगा सोना?

भारत में खरीद पर दिखेगा असर

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डोनाल्ड ट्रंप द्वारा स्विट्ज़रलैंड से आयातित एक किलोग्राम वजन वाले गोल्ड बार पर नया टैरिफ लगाए जाने के फैसले का असर अब वैश्विक स्तर पर दिखने लगा है। अमेरिका में इस कदम के चलते सोने की कीमतों में तेजी से उछाल आया है, और भारत जैसे सोने-प्रेमी देश में चिंता बढ़ गई है कि क्या आगामी त्योहारों में लोगों को अब और महंगे दामों पर सोना खरीदना पड़ेगा।

फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने स्विट्ज़रलैंड से आयात होने वाले एक किलोग्राम और 100 औंस वाले गोल्ड बार पर टैरिफ लगा दिया है। यह फैसला अमेरिका के कस्टम्स बॉर्डर प्रोटेक्शन एजेंसी की जुलाई 31 की ‘रूलिंग लेटर’ के बाद आया, जिसमें इन सोने की छड़ों को ऐसे कस्टम कोड में डाल दिया गया है जो अब लेवी के तहत आता है।

अब तक उद्योग जगत को भरोसा था कि स्विट्ज़रलैंड की रिफाइनरियों में रीमेल्ट किए गए गोल्ड बार अमेरिका में टैक्स-फ्री आते हैं। लेकिन ट्रंप सरकार के इस अप्रत्याशित कदम से स्वर्ण बाजार में हलचल मच गई है। स्विस एसोसिएशन ऑफ मैन्युफैक्चरर्स एंड ट्रेडर्स ऑफ प्रेशियस मेटल्स के अध्यक्ष क्रिस्टोफ वाइल्ड ने कहा, “हमें उम्मीद नहीं थी कि सोने पर टैरिफ लगाया जाएगा।” पूर्व मेटल्स ट्रेडर और जेपी मॉर्गन के डायरेक्टर रॉबर्ट गॉटलिब ने भी कहा कि “गोल्ड तो सेंट्रल बैंकों के बीच सुरक्षित लेन-देन के लिए होता है, कभी सोचा नहीं था कि उस पर भी टैक्स लगेगा।”

डोनाल्ड ट्रंप ने 7 अगस्त से प्रभावी स्विट्ज़रलैंड से आयात होने वाले सभी उत्पादों पर 39% का टैरिफ लगाया है। यह दर यूरोपीय यूनियन की तुलना में कहीं अधिक है, जो मात्र 15% है। ट्रंप ने इसे अमेरिका के $48 बिलियन के ट्रेड डेफिसिट का जवाब बताया है और कहा है कि स्विस कंपनियां अमेरिका का “फायदा उठा रही थीं”। इस फैसले की पुष्टि उस समय हुई जब स्विस राष्ट्रपति कारिन केलर-सटर अमेरिका यात्रा के दौरान कोई व्यापारिक समझौता नहीं कर सकीं। घड़ियां, स्किन केयर, चॉकलेट और अन्य प्रीमियम स्विस उत्पाद अब अमेरिकी बाजार में भारी महंगे हो जाएंगे।

इस फैसले का असर सीधे तौर पर वैश्विक सोना व्यापार पर पड़ा है। आमतौर पर लंदन, न्यूयॉर्क और स्विट्ज़रलैंड के बीच गोल्ड बार का बड़ा व्यापार होता है। अमेरिका के कॉमेक्स फ्यूचर्स मार्केट में सबसे ज़्यादा ट्रेड होने वाला उत्पाद यही एक किलो गोल्ड बार है। स्विट्ज़रलैंड से अमेरिका आने वाला सोने का अधिकांश हिस्सा इसी रूप में होता है। 2024 में अमेरिका ने स्विट्ज़रलैंड से $61.5 बिलियन मूल्य का सोना आयात किया था। अब इसी आयात पर नए टैरिफ के तहत लगभग $24 बिलियन का अतिरिक्त टैक्स लग सकता है। UBS ने भी चेताया है कि इससे बैंकों के एक्सचेंज-फॉर-फिजिकल (EFP) सौदों में भारी व्यवधान आ सकता है।

भारत में पहले ही सोने की कीमतें आसमान छू रही हैं। 8 अगस्त को 24 कैरेट गोल्ड का भाव ₹1.02 लाख प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। यह बढ़ोतरी केवल अमेरिकी टैरिफ से नहीं, बल्कि वैश्विक महंगाई, मुद्रा अस्थिरता और सेफ-हेवन डिमांड जैसे कारकों से भी जुड़ी है। हालांकि, ट्रंप के फैसले के बाद भारतीय खरीदारों को और महंगा सोना खरीदना पड़ सकता है। आने वाले रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, दशहरा और दिवाली जैसे त्योहारों पर लोग यदि फिजिकल गोल्ड खरीदने जाएंगे तो उन्हें अधिक कीमत चुकानी होगी।

रिपोर्ट के मुताबिक, ज्वेलर्स पहले से ही घटती मांग और छोटे ऑर्डर की बात कर रहे हैं। निवेशक अब सोवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और ETFs की ओर रुख कर रहे हैं ताकि भारी प्रीमियम से बचा जा सके।

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक सोना बाजार को हिला दिया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड उपभोक्ता है, अब इस फैसले का सीधा असर झेल सकता है। इस त्योहार और शादी के सीज़न में सोना खरीदना और मुश्किल और महंगा साबित हो सकता है। अगर आप सोना खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो अब आपको अपनी जेब और बाज़ार के संकेत दोनों पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।

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