“आतंकवाद के हर कृत्य पर होगी सख्त सजा”ट्रंप का कड़ा रुख

कोलोराडो आतंकी हमले पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

“आतंकवाद के हर कृत्य पर होगी सख्त सजा”ट्रंप का कड़ा रुख

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कोलोराडो के बोल्डर शहर में रविवार को हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। इस हमले को उन्होंने “आतंकवाद की सुनियोजित कार्रवाई” बताया और इसके लिए सीधे तौर पर जो बाइडन की “ओपन बॉर्डर” नीति को जिम्मेदार ठहराया।

ट्रंप ने ‘Truth Social’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “बोल्डर, कोलोराडो में कल हुआ भयावह हमला अमेरिका में सहन नहीं किया जाएगा। हमलावर बाइडन की हास्यास्पद ओपन बॉर्डर पॉलिसी के ज़रिए देश में घुसा, जिसने हमारे देश को बहुत नुकसान पहुँचाया है। उसे ‘TRUMP’ नीति के तहत देश से बाहर किया जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “आतंकवाद के हर कृत्य पर क़ानून के अनुसार सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह एक और उदाहरण है कि हमें अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखना होगा और अमेरिका-विरोधी अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर निकालना होगा। मेरे दिल की गहराइयों से बोल्डर के पीड़ितों और वहां के नागरिकों के लिए संवेदनाएं हैं।”

यह हमला बोल्डर के एक व्यस्त पैदल यात्री मॉल में हुआ, जहां एक स्वयंसेवी संगठन ‘Run For Their Lives’ द्वारा गाज़ा में बंधक बनाए गए इस्राइली नागरिकों के समर्थन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस दौरान हुए विस्फोट और हमले में कई लोग घायल हो गए, जिनमें से कुछ को जलने की चोटें भी आईं हैं।

एफबीआई और न्याय विभाग ने इस हमले को “आतंकी घटना” करार दिया है। एफबीआई वॉशिंगटन ने इसे “वैचारिक रूप से प्रेरित हिंसा” बताया है। एफबीआई के डिप्टी डायरेक्टर डैन बोंगिनो ने ‘X’  पर लिखा, “यह आतंकी हमला शुरुआती जानकारी, सबूतों और चश्मदीदों के बयानों के आधार पर वैचारिक आतंकवाद का मामला प्रतीत होता है। हम तथ्यों के आधार पर इन घटनाओं पर स्पष्ट रूप से बोलेंगे।”

न्याय विभाग ने भी इस हमले को अनावश्यक हिंसा की कड़ी श्रृंखला का हिस्सा बताया, जो हाल के दिनों में यहूदी अमेरिकी समुदायों पर हो रहे हमलों के पैटर्न से जुड़ा हुआ है।

इस हमले से कुछ दिन पहले ही वॉशिंगटन डीसी में इस्राइली दूतावास के दो कर्मचारियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस हमले के दौरान आरोपी ने चिल्लाकर कहा था, “मैंने ये गाज़ा के लिए किया, फ़िलिस्तीन के लिए किया।”

अमेरिका में इस्राइल-हमास युद्ध के चलते बढ़ती वैश्विक तनातनी और यहूदी समुदाय पर हो रहे हमलों ने देश में सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के बाद अमेरिका में आंतरिक सुरक्षा और सीमा नियंत्रण जैसे मुद्दे फिर से चर्चा के केंद्र में हैं।

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