सोशल मीडिया पर वायरल हुई खबरों में दावा किया गया था कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) अब कुछ खास देशों के नागरिकों को केवल ₹23 लाख (AED 100,000) देकर लाइफटाइम गोल्डन वीज़ा दे रहा है। लेकिन UAE सरकार की फेडरल ऑथोरिटी आइडेंटिटी, सिटीझानशिप, कस्टम्स एण्ड पोर्ट सिक्युरिटी (ICP) ने इस खबर को पूरी तरह गलत और भ्रामक करार दिया है।
Emirates News Agency (WAM) द्वारा जारी बयान में कहा गया कि कुछ विदेशी मीडिया आउटलेट्स और कंसल्टेंसी एजेंसियों द्वारा फैलाई गई यह जानकारी UAE अधिकारियों से किसी प्रकार के समन्वय के बिना फैलाई गई और इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। सरकार ने ऐसे झूठे वादों के जरिये लोगों से पैसा ऐंठने की कोशिश करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
ICP ने स्पष्ट किया कि इस तरह का कोई नया पायलट प्रोग्राम, जिसमें भारत और बांग्लादेश के नागरिकों को नामांकन के आधार पर बिना निवेश के गोल्डन वीज़ा देने की बात की गई थी, वास्तव में पहले से ही मौजूद एक discretionary प्रक्रिया का हिस्सा है जो 2019 में ही शुरू की गई थी। इसे सरकार की मर्जी से ही दिया जाता है — ना कि किसी फिक्स्ड शुल्क या कंसल्टेंसी के माध्यम से।
यह अफवाह एक विदेशी कंसल्टेंसी फर्म के प्रचार से शुरू हुई थी, जिसके मैनेजिंग डायरेक्टर रयाद कमाल अयूब ने दावा किया था कि उनकी फर्म UAE में VFS Global के साथ मिलकर भारत और बांग्लादेश के लिए विशेष गोल्डन वीज़ा सेवा शुरू कर रही है। उन्होंने इसे “नॉमिनेशन-बेस्ड वीज़ा” बताया जिसमें केवल ₹23 लाख का भुगतान करके लाइफटाइम रेजिडेंसी मिल सकती है। PTI की एक खबर में इस दावे को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया, जिसके बाद यह खबर भारतीय सोशल मीडिया पर जंगल की आग की तरह फैल गई।
UAE गोल्डन वीज़ा भारतीय उच्च आय वर्ग में काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह निवेशकों, प्रोफेशनलों और उद्यमियों को दीर्घकालिक रेजिडेंसी देता है। आमतौर पर इस वीज़ा के लिए करोड़ों रुपये का निवेश जरूरी होता है, ऐसे में मात्र ₹23 लाख में मिलने वाला ‘लाइफटाइम वीज़ा’ लोगों को बहुत आकर्षक और भरोसेमंद लगा।
ICP का कहना है,“ऐसे फर्जी वादों का कोई कानूनी आधार नहीं है। जो लोग UAE में सम्मानजनक जीवन की तलाश में हैं, उनसे झूठे वादों के माध्यम से धन ऐंठने की कोशिश की जा रही है। ऐसे मामलों में हम संबंधित एजेंसियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करेंगे।”
भारत और बांग्लादेश के नागरिकों के नाम पर UAE में आजीवन गोल्डन वीज़ा की अफवाहें पूरी तरह बेबुनियाद हैं। UAE सरकार का संदेश साफ है। गोल्डन वीज़ा कोई खरीदी जाने वाली सेवा नहीं, बल्कि योग्यता और राष्ट्रीय हित के आधार पर दिया जाने वाला विशेषाधिकार है। ऐसे में नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है और असत्यापित एजेंसियों से किसी प्रकार की डील से बचना चाहिए।
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