नई दिल्ली। ब्रिटिश संसद में कश्मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर बहस हुई जिसमें सांसद बॉब ब्लैकमैन और थेरेसा विलियर्स ने ब्रिटेन सांसद ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटाए जाने का समर्थन किया है और भारतीय अदालतों और संस्थानों के पक्ष में बोला। सांसद ने यूके संसद में हैरो ईस्ट के सांसद बॉब ब्लैक मैन ने धारा को हटाए जाने के पहले और बाद के बारे में कहा कि पहले जम्मू कश्मीर के हालत अच्छे नहीं थे, लेकिन धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां के हालत में काफी सुधार हुआ है।
यूके सांसद ने कहा, अनुच्छेद 370 के निरस्त होने तक जम्मू कश्मीर में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का कोई अधिकार नहीं था। अगर किसी व्यक्ति ने अपनी पत्नी से तीन बार तलाक कह दिया है, तो वो रिश्ता वहीं खत्म हो जाता था। लेकिन अब जब से आर्टिकल 370 खत्म किया गया, तब से वहां की महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त है। इस कानून के तहत 14 साल से काम उम्र के बच्चों की शादी अवैध है। इस कानून के लागू होने पहले जम्मू कश्मीर में 14 साल के बच्चों का भी अवैध विवाह करवा दिया जाता था।
इसके अलावा बॉब ब्लैकमैन ने जम्मू कश्मीर में हिंदुओं, बौद्धों और सिखों की अलग-अलग आबादी पर भी बात की। जो इस क्षेत्र के मूल निवासी थे और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले उन्हें सताया जा रहा था। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 35A के खत्म होते ही हिंदू कश्मीरी पंडित जिन्हें इस्लामी ताकतों द्वारा बंदूक के साथ निकाला गया था, अब उन्हें समान रूप से वापस लौटने की क्षमता प्राप्त है। जम्मू और कश्मीर में स्थानीय सरकार को बहाल किया गया है। उन्होंने कहा कश्मीर एक सुंदर क्षेत्र है।
यह पर्यटन, संस्कृति, व्यापार और जलविद्युत शक्ति के लिए एक अवसर है, लेकिन यह कई आतंकवादी हमलों, हत्याओं, बाल विवाह और इस्लामी आतंकवादियों द्वारा जबरन धर्मांतरण का केंद्र बन गया था। ब्लैकमैन ने कहा, हमें याद रखना चाहिए कि कश्मीर मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाका है, जम्मू मुख्य रूप से हिंदू बहुल क्षेत्र है और लद्दाख मुख्य रूप से बौद्ध है।
ऐतिहासिक रूप से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, ईसाई, महिलाएं और बच्चे हैं। हमने देखा है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ है, अगर (भारतीय) सैनिक नहीं होते तो इस्लामी ताकतें लोकतंत्र को खत्म कर देंगी। केवल भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर को तालिबान का अफगानिस्तान बनने से रोकता है। बॉब ब्लैकमैन के बात का समर्थन करते हुए यूके की सांसद थेरेसा विलियर्स ने कहा, जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को संपत्ति के कुछ अधिकारों से वंचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा की 370 निरस्त होने के बाद किसी बाहरी पुरुष से शादी करने पर भी महिलाओं को उनके संपत्ति पर अधिकार होगा। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 के खत्म होने के कारण ऐसे सब रूढ़ियों को खत्म कर दिया गया है। अल्पसंख्यकों को बेहतर सुरक्षा मिली है।
इसके अलावा बॉब ब्लैकमैन ने जम्मू कश्मीर में हिंदुओं, बौद्धों और सिखों की अलग-अलग आबादी पर भी बात की। जो इस क्षेत्र के मूल निवासी थे और अनुच्छेद 370 के निरस्त होने से पहले उन्हें सताया जा रहा था। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 35A के खत्म होते ही हिंदू कश्मीरी पंडित जिन्हें इस्लामी ताकतों द्वारा बंदूक के साथ निकाला गया था, अब उन्हें समान रूप से वापस लौटने की क्षमता प्राप्त है। जम्मू और कश्मीर में स्थानीय सरकार को बहाल किया गया है। उन्होंने कहा कश्मीर एक सुंदर क्षेत्र है।
यह पर्यटन, संस्कृति, व्यापार और जलविद्युत शक्ति के लिए एक अवसर है, लेकिन यह कई आतंकवादी हमलों, हत्याओं, बाल विवाह और इस्लामी आतंकवादियों द्वारा जबरन धर्मांतरण का केंद्र बन गया था। ब्लैकमैन ने कहा, हमें याद रखना चाहिए कि कश्मीर मुख्य रूप से मुस्लिम बहुल इलाका है, जम्मू मुख्य रूप से हिंदू बहुल क्षेत्र है और लद्दाख मुख्य रूप से बौद्ध है।
ऐतिहासिक रूप से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, ईसाई, महिलाएं और बच्चे हैं। हमने देखा है कि अफगानिस्तान में क्या हुआ है, अगर (भारतीय) सैनिक नहीं होते तो इस्लामी ताकतें लोकतंत्र को खत्म कर देंगी। केवल भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर को तालिबान का अफगानिस्तान बनने से रोकता है। बॉब ब्लैकमैन के बात का समर्थन करते हुए यूके की सांसद थेरेसा विलियर्स ने कहा, जम्मू-कश्मीर की महिलाओं को संपत्ति के कुछ अधिकारों से वंचित कर दिया गया था। उन्होंने कहा की 370 निरस्त होने के बाद किसी बाहरी पुरुष से शादी करने पर भी महिलाओं को उनके संपत्ति पर अधिकार होगा। उन्होंने कहा, अनुच्छेद 370 के खत्म होने के कारण ऐसे सब रूढ़ियों को खत्म कर दिया गया है। अल्पसंख्यकों को बेहतर सुरक्षा मिली है।
“मानवाधिकारों के हनन की ठीक से जांच” करने पर उन्होंने कहा कि पिछले साल कश्मीर में हुए चुनाव सकारात्मक संकेत थे। विलियर्स ने कहा, “एक लोकतंत्र के रूप में जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को पूर्ण संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है और कानून को बहुत महत्व देते हैं, मेरा मानना है कि भारत की अदालतें और संस्थान मानवाधिकारों के हनन की ठीक से जांच करने में सक्षम हैं।” बहस के दौरान लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने पाकिस्तान की खिंचाई की और कहा कि पाकिस्तान प्रशासन ने आतंकी शिविरों को पनाह दी है। इतना ही नहीं अपने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में भी वह आतंकी गतिविधि कराने में संलिप्त है। बता दें कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 और 35 ए को निरस्त करा दिया था और जम्मू कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया था।