उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के नाम हिंदी के साथ उर्दू में भी लिखे जाएंगे। इस संबंध में एक निर्देश जारी किया गया है। यह निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया है।जिसमें कहा गया है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर भी अपने नाम हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में लिखें।
बता दें कि इस निर्देश के अनुसार 167 सरकारी जिला अस्पतालों , 873 सामुदायिक केंद्रों, और 2934 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी हिंदी के साथ उर्दू नाम लिखे जाएंगे। निर्देश में कहा गया है कि जिला अस्पतालों के अफसरों और कर्मचारियों को भी अपने हिंदी नाम के साथ उर्दू में भी नाम लिखना है। मालूम हो कि उन्नाव के रहने वाले मोहम्मद हारून ने एक चिट्ठी लिखकर शिकायत की थी।
उर्दू को राजभाषा का दर्जा दिए जाने के बावजूद विभिन्न विभागों में इसका पालन नहीं किया जा रहा है। इसके बाद उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर शैलेश ने एक निर्देश जारी कर सभी विभागों को कहा है कि वे आदेश का पालन करें।भाषा विभाग ने सात अक्टूबर 1989 को उर्दू को दूसरी राजभाषा घोषित किया था। इस संबंध में19 नवंबर 1990 को शासनदेश जारी किया था। इस शासनादेश का पालन नहीं हो रहा था जिसके बाद शिकायत मिलने पर अब इस शासनादेश को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है।
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