इटावा। नियति के इस सितम को जिसने भी महसूस किया उसकी आंखें भर आईं। गले में वरमाला पहने दूल्हे के लिए भी यह किसी हादसे से कम न था। समसपुरा निवासी स्व. रमापति की बड़ी बेटी सुरभि का विवाह इटावा जनपद के ग्राम नावली निवासी मंजेश कुमार के साथ तय हुई थी। बरात निर्धारित समय पर ग्राम समसपुरा स्थित जनवासे में पहुंची, भोर हुई तो फेरों की तैयारी होने लगी। मांग भराई की रस्म के बाद जैसे ही फेरों की घड़ी आई तभी अचानक सुरभि की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ी।
बेटी को अचेत अवस्था में जमीन पर पड़ा देख वर- वधू पक्ष घबरा गए। आनन-फानन में दुल्हन को उसके भाई-बहन और अन्य रिश्तेदार उपचार के लिए पास के ही अस्पताल ले गए। जहां पर डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। यह मंजर बहुत दुखद था, लेकिन वृद्धजनों द्वारा चिंता व्यक्त करने के बाद दोनों पक्षों में दूल्हे की शादी सुरभि की छोटी बहन से करवा दिए जाने की सहमति बनी। नियति के इस कुठाराघात के बाद घर की दोनों बेटियों को नम आंखों से विदाई दी गई।बड़ी बहन की शादी में उत्साहित उसकी छोटी बहन निशा के लिए यह थोड़ा अजीब था, पर स्वजन के द्वारा मनाए जाने पर उसने भी हां कर दी।